शिमला, 2 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत लगभग 1700 अनुबंध कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ये अनुबंध कर्मचारी बीते 23 सालों से एनएचएम में काम कर रहे हैं और सरकार से नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। इसी के चलते इन अनुबंध कर्मियों ने आज से प्रदेश भर में अनिश्चतकालीन काम छोड़ो हड़ताल आरंभ कर दी है। एनएचएम के इन कर्मियों का इस काम छोड़ों हड़ताल के चलते स्वास्थ्य विभाग का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। खासकर कोरोना महामारी से लड़ने में जुटे स्वास्थ्य विभाग का अधिकांश काम आज अस्त-व्यस्त रहा। यही नहीं स्वास्थ्य संस्थानों में भी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रही क्योंकि इस समय स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम के तहत एक दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं और इन प्रोजेक्टों में सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं। नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा ने कहा कि फिलहाल एनएचएम अनुबंध कर्मियों ने एक दिन की काम छोड़ो हड़ताल किया है लेकिन यदि उनकी मांगों को तुरंत नहीं माना गया तो ये हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मिशन के अनुबंध कर्मचारी सालों से सरकार और उसके अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखते आए हैं लेकिन किसी ने भी उनकी बात को अहमियत नहीं दी।
शीघ्र होगी आशा सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में आशा कार्यकर्ता समाज को बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं और राज्य सरकार उन्हें सभी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। वह आज शिमला में आशा कार्यकर्ताओं की विभिन्न मांगों पर चर्चा और उनके समाधान के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 7500 आशा कार्यकर्ता सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के अलावा स्वास्थ्य जागरुकता के बारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।