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हिमाचल में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति पर नई नीति लागू

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति को लेकर नई नीति जारी की है। अब किसी भी स्थिति में किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को एक वर्ष से अधिक की पुनर्नियुक्ति नहीं मिलेगी। साथ ही, पुनर्नियुक्त कर्मचारियों...
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हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति को लेकर नई नीति जारी की है। अब किसी भी स्थिति में किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को एक वर्ष से अधिक की पुनर्नियुक्ति नहीं मिलेगी। साथ ही, पुनर्नियुक्त कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा और सरकारी आवास का अधिकार नहीं होगा, जब तक कि यह उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले उपलब्ध न रहा हो।

वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। नई नीति उन मामलों पर असर डालेगी, जहां अनुभव के आधार पर विभागीय या सचिवालय स्तर पर कर्मचारियों को लंबी अवधि के लिए सेवा में रखा जाता था।

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नीति के अनुसार, पुनर्नियुक्त कर्मचारी केवल तभी सरकारी आवास के पात्र होंगे जब उन्हें सेवानिवृत्ति से पूर्व आवंटित हुआ हो। चिकित्सा सुविधाओं से भी उन्हें अलग रखा जाएगा, क्योंकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पहले से अलग प्रावधान मौजूद हैं।

इसी क्रम में राज्य सरकार ने शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष और चिकित्सा शिक्षा विभागों में कार्यरत शिक्षकों के लिए भी आदेश जारी किए हैं। अब शैक्षणिक सत्र के बीच शिक्षकों को सेवानिवृत्त नहीं किया जाएगा। उन्हें सत्र पूरा करने के बाद ही रिटायर किया जाएगा। यह व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी।

सत्र समाप्ति पर मिलेगा लाभ

पुनर्नियुक्त शिक्षकों को अंतिम वेतन और पेंशन के अंतर के बराबर निश्चित वेतन मिलेगा। ग्रेच्यूटी, लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ और पेंशन कम्यूटेशन जैसे लाभ सत्र समाप्ति के बाद ही दिए जाएंगे। यह योजना वैकल्पिक होगी। इच्छुक शिक्षक इससे बाहर होना चाहें तो उन्हें अपनी सेवानिवृत्ति से 60 दिन पहले विभाग को लिखित सूचना देनी होगी।

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