नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में स्थापित होंगे नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के डेयरी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में आधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की मंजूरी दी है। साथ ही जिला हमीरपुर के जलाड़ी में दूध शीतलन केंद्र और जिला ऊना के झलेड़ा में बल्क मिल्क कूलर लगाने की योजना को भी हरी झंडी मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि इस पहल से पशुपालकों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, जो कृषि व पशुपालन पर निर्भर है। नए संयंत्र दूध की खरीद बढ़ाने और गुणवत्ता सुधारने में सहायक होंगे, जिससे पशुपालकों को उचित मूल्य मिलेगा।
सरकार ने मिल्कफैड के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) प्रणाली शुरू करने की भी घोषणा की है। इस प्रणाली के माध्यम से पशुपालक अपने मोबाइल फोन पर दूध खरीद, भुगतान स्थिति, गुणवत्ता रिपोर्ट और मूल्य संबंधी जानकारी वास्तविक समय में प्राप्त कर सकेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भुगतान में तेजी आएगी। जिला कांगड़ा के ढगवार में निर्माणाधीन अत्याधुनिक प्रसंस्करण संयंत्र में दही, लस्सी, बटर, घी, पनीर, फ्लेवर दूध, खोया और मॉज़रेला चीज़ का उत्पादन होगा, जिससे उत्पादकों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित होगा।
दूध पर समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल पहला राज्य
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया है। गाय के दूध के लिए 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के लिए 61 रुपये प्रति लीटर मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, अधिसूचित केंद्रों तक दूध पहुंचाने वाले पशुपालकों को 2 रुपये प्रति लीटर का परिवहन अनुदान भी दिया जा रहा है।