कभी सत्ता की राजनीति नहीं की, छींटाकशी से बचें पार्टी नेता : राठौर
शिमला, 4 मार्च (हप्र)
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि जिन पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, वे हताश और निराश नहीं होने चाहिए। राठौर ने मंगलवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने को कोई इच्छा हाईकमान के समक्ष व्यक्त नहीं की है। वे पार्टी के समर्पित सिपाही हैं और कभी भी सत्ता की राजनीति नहीं करते, न ही कभी छीनाझपटी की राजनीति की और न ही कभी शाॅर्टकट की राजनीति की। राठौर ने कहा कि उनका हमेशा ये प्रयास रहा कि पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर चलें और जो मतभेद हैं, उन्हें दूर करें। उन्होंने कहा कि ये आवश्यक है कि पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता, जिनका योगदान सरकार बनाने में रहा, उन्हें हताशा और निराशा न मिले।
राठौर ने कहा कि रजनी पाटिल एक ऐसी नेता है, जिन्हें हिमाचल की बहुत ज्यादा जानकारी है। वे पहले भी प्रदेश की प्रभारी रही है और उस दौरान भी उन्होंने प्रदेश के व्यापक दौरे किए थे। राठौर ने कहा कि जब वह प्रभारी थी, तो मुझे प्रदेशाध्यक्ष की कमान मिली थी और दोनों ने मिलकर प्रदेश में मजबूत संगठन की नींव रखी थी। साथ ही गुटबाजी को खत्म किया था। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर पूरे देश में एक संदेश दिया था।
उन्होंने कहा कि रजनी पाटिल को कोई गुमराह नहीं कर सकता है क्योंकि उन्हें हर नेता की कार्यशैली का पता है। किस नेता की क्या ताकत है और क्या कमजोरी है तथा किस नेता को संगठन में क्या काम देना है, वह बेहतर जानती है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके मार्गदर्शन में प्रदेश कांग्रेस मजबूत होकर उभरेंगी। राठौर ने कहा कि वन मैन वन मैन पोस्ट का निर्णय हाईकमान को करना है। एक सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि सभी का अपना अपना नजरिया होता है लेकिन नेताओं को एक दूसरे पर छींटाकशी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठन के बंद कमरे की बात बाहर नहीं आनी चाहिए और जो भी मतभेद हैं, उन्हें पार्टी स्तर पर चर्चा कर सुलझना चाहिए।
1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट की हो जांच
राठौर ने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार ने यदि 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजैक्ट को सही तरह से धरातल पर उतारा होता तो सेब बहुल क्षेत्र का कायाकल्प हो जाता है। उन्होंने इस प्रोजैक्ट के तहत मिली राशि कहां कहा खर्च हुई, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। राठौर ने कहा कि वह पहले भी ये मामला उठा चुके हैं और आगामी विधानसभा सत्र में फिर इस मामले को उठाएंगे।