शिमला (निस): राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोलन में नेशनल फॉनल रेपोजिट्री ऑफ हिमालय व म्यूजियम राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध परम्परा और विरासत को सबके समक्ष लाने के लिए सभी को गम्भीरता से प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जेडएसआई) हाई एल्टीटयूड रीजनल सेन्टर सोलन द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में लुप्त हो रही जीवों की प्रजातियों के लिखित प्रमाणीकरण के लिए उनके द्वारा किया गया कठिन परिश्रम वास्तव में सराहनीय है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।