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राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में आयेगा परिवर्तन : राज्यपाल

भारतीय ज्ञान परम्परा को बढ़ाने में केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रयासों को बताया सराहनीय

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केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह

धर्मशाला, 21 जनवरी (निस)

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत में परिवर्तन लाएगी। इस व्यापक नीति को एक साथ लागू नहीं किया जा सकता है बल्कि इसे क्रमबद्ध तरीके से लागू करने की आवश्यकता है। राज्यपाल आज कांगड़ा जिले के धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

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भारतीय ज्ञान परम्परा के महत्व पर बल देते हुए राज्यपाल ने केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा नया पाठ्यक्रम आरम्भ कर इसे आगे बढ़ाने के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में मील पत्थर स्थापित किए हैं। उन्होंने विकसित भारत-2047 के लिए विश्वविद्यालय को शोधपूर्ण, गुणवत्तायुक्त शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाने के साथ ही वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप अपने को तैयार करने पर जोर दिया।

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इससे पूर्व, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों का ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह समय आत्मनिरीक्षण का भी है कि आज से 14 साल पहले हमने जो विश्वविद्यालय के लिए लक्ष्य तय किए थे, उनको हासिल करने में हम कितने सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आगामी अकादमिक सत्र से देहरा स्थित कैंपस में कार्य शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि नैक की ग्रेडिंग में विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस’ स्थान दिया गया है, जो हम सब के लिए गौरव की बात है। डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के कुलपति प्रो. आर.पी. तिवारी, नैक के कार्यकारिणी सदस्य प्रो. नागेश ठाकुर, डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

ये हुए सम्मानित : शैक्षणिक संकाय सदस्यों में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार प्रो संजीत, प्रो. ओ.एस.के.एस शास्त्री, प्रो. बी.सी चौहान, डा. राकेश और डा. मनप्रीत अरोड़ा को दिया गया। वहीं गैर शिक्षक कर्मचारियों में अनुपम ठाकुर, राहुल, आपूर्ति अवस्थी, रोहित धीमान, हिंदभूषण कुटलैहड़िया और अजय कुमार को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कलेंडर-2025, विश्वविद्यालय के न्यूज लैटर, विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तकों/समाचार-पत्र का विमोचन भी किया।

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