योगराज भाटिया/निस
बीबीएन, 9 जुलाई
नालागढ़ के विधायक लखविन्द्र राणा ने अस्पताल में चिकित्सकों व स्टाफ की कमी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक का कहना है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नही किया गया तो यह धरना प्रदर्शन बड़े आंदोलन में तबदील हो जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। शनिवार से शुरू हुए 48 घंटे के धरने प्रदर्शन के बाद सोमवार को एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा। नालागढ़ के कालका चौक के समीप शुरू हुए धरना प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश सचिव योगेश्वर राणा, एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव धज भंवर सिंह, शिव कुुमार द्विवेदी, गिरधारी बस्सी, सूबेदार नंद लाल, मतीन खान, गुरदीप चौधरी, सलीम खान, नाहिद खान, अभय जैन, दारा सिंह, सतपाल चौधरी, सन्नी राणा, शानू राणा, मनीश बस्सी, दिलबाग राणा, उजागर सिंह, अक्षत शर्मा, अनिकेत सचदेवा आदि शामिल रहे। विधायक लखविन्द्र राणा ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन का सबसे बड़ा अस्पताल जिसे हाल ही में सिविल अस्पताल का दर्जा मिला है, वह आज बदहाली की हालत में है। उन्होंने कहा कि 100 बिस्तरों के हिसाब से अस्पताल में करीब 17 चिकित्सक होने चाहिए लेकिन हैरानी की बात है कि प्रदेश की प्रमुख औद्योगिक राजधानी बीबीएन के नालागढ़ अस्पताल में केवल 7 चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञों के पद कई वर्षों से रिक्त पड़े हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में नेत्र विशेषज्ञ, एमडी, रेडियोलोजिस्ट के पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने कहा कि खेद का विषय है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला व इंडस्ट्रीयल एरिया का अस्पताल होने के बावजूद भी यहां सेवाएं सुदृढ़ नहीं हो पायीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब क्षेत्र के दौरे पर आए तो उन्होंने सीएचसी नालागढ़ को 200 बैडिड सिविल अस्पताल बनाने की घोषणा की लेकिन जब कैबिनेट मेंं इसे पास करने की बारी आई तो इसे 100 बैड तक सिमित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार 200 बैडिड की गई घोषणा को पूरा करे, ताकि क्षेत्र के लोगों को लाभ मिले।