शिमला, 30 सितंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में बीते साढ़े तीन महीनों से सक्रिय मॉनसून इस बार राज्य में सामान्य रूप से बरसा। मौसम विभाग द्वारा राज्य में मॉनसून वर्षा को लेकर जारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार प्रदेश में मॉनसून की वर्षा 90 प्रतिशत रही। मॉनूसनू हिमाचल में इस बार समय से पहले 13 जून को ही पहुंच गया था। हिमाचल में मॉनसून पहुंचने की सामान्य तारीख 26 जून है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 13 जून से 30 सितंबर के दौरान हिमाचल में 686.4 मिलीमीटर वर्षा हुई जो सामान्य से 10 प्रतिशत कम है। इस अवधि में प्रदेश में औसतन 764 मिलीमीटर वर्षा होती रही है। चंबा और लाहौल स्पिति को छोड़कर राज्य के अन्य जिलों में इस बार मॉनसून सामान्य रूप से बरसा। इस दौरान केवल कुल्लू जिला में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार इस बार मॉनसून के दौरान ऊना और सिरमौर में सामान्य से 14 प्रतिशत कम, सोलन में सामान्य से 11 प्रतिशत कम, चंबा में सामान्य से 44 प्रतिशत कम और लाहौल स्पिति में सामान्य से 69 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। जबकि कुल्लू में मॉनसून सामान्य से 40 प्रतिशत अधिक बरसा। इस दौरान मंडी में सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक और शिमला में सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई।
फिलहाल राहत नहीं
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून को आए भले ही साढ़े तीन महीने का समय हो चुका है लेकिन अभी भी प्रदेशवासियों को कुछ दिन और मॉनसून से राहत नहीं मिलेगी। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमानों में कहा गया है कि प्रदेश में मॉनसून आगामी चार अक्तूबर तक सक्रिय बना रहेगा और इस दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर वर्षा होगी। विभाग ने 30 सितंबर और पहली अक्तूबर को राज्य के मैदानी तथा मध्यम ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर अंधड़ चलने और वर्षा होने का येलो अलर्ट भी जारी किया है।
दोनों शवों को लेकर काजा पहुंची रेस्क्यू टीम
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पिति के खमींगर ग्लेशियर में पश्चिम बंगाल के एक ट्रैकिंग दल के साथ खराब मौसम के कारण हुई त्रासदी में मारे गए दोनों पर्यटकों के शवों को तीन दिनों के सफर के बाद आज काजा पहुंचा दिया गया। दोनों मृतकों के शवों का आज काजा के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया और अब इन शवों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। खमींगर ग्लेशियर से लाए गए इन दो शवों के साथ चार पोर्टर भी आज सुरक्षित काजा पहुंच गए। ये लोग भी खमींगर ग्लेशियर में फंसे हुए थे। इन दोनों ट्रैकरों को शवों को आईटीबीपी और डोगरा स्काउट की रेस्क्यू टीम ने काजा पहुंचाया। रेस्क्यू टीम शवों को 32 किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उठाकर कॉह गांव तक लाई। उपायुक्त लाहौल स्पिति नीरज कुमार के मुताबिक दोनों शवों को काजा से सड़क मार्ग से चंडीगढ़ तक भेजा जा रहा है और इसके बाद दिल्ली ले जाया जाएगा। दिल्ली से हवाई मार्ग से इन शवों को कोलकाता ले जाया जाएगा। पश्चिम बंगाल का ये 18 सदस्यीय ट्रैकिंग दल 15 सितंबर को बातल से खमींगर ग्लेशियर होते हुए मणिकर्ण के लिए रवाना हुआ था। इसमें 6 सदस्य और एक शेरपा और 11 पोर्टल थे। इस दल को बड़ा ग्लेशियर से खमींगर ग्लेशियर और खमींगर ग्लेशियर से यू टर्न लेकर मणिकर्ण पहुंचना था। ट्रैकिंग दल के छह सदस्यों में से दो सदस्यों संदीप ठाकुराता और भास्कर देव मुखोपाध्याय की ट्रैकिंग के दौरान खमींगर ग्लेशियर में मौत हो गई। दल के शेष सदस्य सुरक्षित हैं और ये लोग वापस पश्चिम बंगाल लौट रहे हैं।