शिमला, 15 मई (हप्र)
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि चौपाल के पूर्व विधायक सुभाष चंद्र मंगलेट के शामिल होने से भाजपा को शिमला ज़िला के साथ-साथ प्रदेश में भी मज़बूती मिलेगी। जयराम ठाकुर ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि आज कांग्रेस की नीतियों के कारण उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसका कारण है कि आज कांग्रेस के पास न नेता है, न नीति है और न ही नीयत है जबकि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और हमारे पास नरेन्द्र मोदी जैसे क्षमतावान नेता हैं, जो भारत को आगे ले जाने के लिए ऐतिहासिक काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ़ प्रदेश में कांग्रेस डेढ़ साल के कार्यकाल में ही तार-तार हो गई है। विधायक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। ऐसी स्थिति सिर्फ़ कांग्रेस के नेताओं की तानाशाही के कारण आई है। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वह मुद्दों पर चुनाव लड़े तो बेहतर रहेगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नामांकन हो गये हैं। यह साफ़ हो चुका है कि कौन किसके सामने हैं। नामांकन के समय उमड़े जन सैलाब से यह भी साफ़ हो गया है कि प्रदेश के लोग किसके साथ हैं। मंडी में एक दिन पूर्व हुए कंगना के नामांकन का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से लोग आए थे, जगह कम पड़ गई थी। ख़ास बात यह है कि कंगना के नामांकन में मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग थे न कि प्रदेश भर से प्रभाव के कारण बुलाए गए लोग थे। पहली बार ऐसा हुआ जब लोगों के खड़ा हो के लिए जगह नहीं रह गई थी। प्रदेश में हर जगह से भाजपा को अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुभाष मंगलेट दो बार विधायक रहे और पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते और फिर एक बार निर्दलीय चुनाव लड़ कर लगभग 15 हज़ार मत प्राप्त किये। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं और नीतियों के कारण लगातार खाली हो रही और हिमाचल प्रदेश का ये सिलसिला बहुत लंबा है और देश में तो बहुत ही बड़ा है।
राम मंदिर पर कांग्रेस के रवैये से आहत हूं : मंगलेट
सुभाष मंगलेट ने कहा कि मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर वह भारतीय जनता पार्टी के साथ काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राम सबके हैं, इसीलिए वह राम मंदिर जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के रवैये से आहत हैं, प्रदेश के लोग कांग्रेस को उनकी हर नाकामी के बदले सबक़ सिखाने को तैयार बैठे हैं।