शिमला, 25 फरवरी (निस)
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा है कि मानव भारती विश्वविद्यालय में हुए फर्जी डिग्री कांड में 36024 फर्जी डिग्रियां बेची गई। उन्होंने आज विधानसभा में मानव भारती विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश व प्रदेश से बाहरी राज्यों व विदेशों में बेची गई फर्जी डिग्रियों से अर्जित किए गए करोड़ों रुपए के मामले पर कांग्रेस के राजेंद्र राणा द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा कि इस विश्वविद्यालय से जब्त 64 हार्ड डिस्क और 12 मोबाइल फोन से मिले रिकार्ड से 41479 डिग्रियां जारी होने की पुष्टि हुई है। इनमें से सिर्फ 5455 डिग्रियां ही वैध पाई गई हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिक राजकुमार राणा द्वारा फर्जी डिग्रियां बेचकर हुई कमाई से जहां राजस्थान में माधव विश्वविद्यालय स्थापित किया, वहीं 5.47 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां भी खरीदी। उन्होंने माना कि एसआईटी जांच में पता चला है कि राजकुमार राणा ने फर्जी डिग्रियां बेचने के लिए देशभर में सैंकड़ों एजेंट रखे थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सोलन स्थित मानव भारती निजी विश्वविद्यालय में अब प्रशासक लगा दिया गया है और विश्वविद्यालय में नए प्रवेश पर भी वर्ष 2020 से रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों से संबंधित सारा रिकार्ड एसपी सीआईडी को जांच के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि एसआईटी ने इस मामले में बहुत अच्छा काम किया है और कोई भी आरोपी बच नहीं पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तत्परता से मौजूदा जयराम ठाकुर सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की है, यदि उसी तत्परता से इस मामले के वर्ष 2016 में सामने आने के समय कार्रवाई की होती तो इस घोटाले को बहुत पहले रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री मामले में सरकार ने तीन मामले विभिन्न सख्त धाराओं के तहत दर्ज किए हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में भी विचाराधीन है।
इससे पूर्व, कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा ने नियम 62 के तहत सदन में मानव भारती निजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश व प्रदेश के बाहरी राज्यों व विदेशों में बेची गई फर्जी डिग्रीयों से अर्जित किए गए करोड़ों रुपयों के लेन-देन के मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि 5 लाख फर्जी डिग्री मानव भारती निजी विश्वविद्यालय ने बेची हैं और शिक्षा के क्षेत्र में यह बहुत बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे शांता कुमार ने भी इस पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि 2007 के दिसंबर में भाजपा सरकार का गठन होने के बाद हिमाचल में 17 निजी विश्वविद्यालय खोले गए और सोलन जिले में एक पंचायत में ही तीन विश्वविद्यालय खुल गए। उन्होंने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय से फर्जी डिग्री लेकर लोग नौकरियों में लगे और जो ईमानदारी से पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें बाहर होना पड़ा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए, क्योंकि मामला कई राज्यों और विदेशों से जुड़ा है। उन्होंने पूछा कि सरकार इसकी जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ईडी ने 194 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। इसके बावजूद अभी तक सरकार ने इस विश्वविद्यालय को बंद करने की हिम्मत नहीं जुटाई है। उन्होंने इस मामले में सरकार पर कुछ लोगों को बचाने का भी आरोप लगाया।
सत्ता दल की टिप्पणियों से गरमाया सदन का माहौल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चल रही चर्चा के दूसरे दिन आज सत्ता पक्ष की ओर से वन मंत्री राकेश पठानिया द्वारा विपक्ष, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह को लेकर की गई टिप्पणियों से सदन का माहौल जोरदार तरीके से गरमाया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ओर के सदस्यों ने जबरदस्त शोरगुल किया तथा नारेबाजी तक की नौबत आ गई। विपक्ष पर की गई तीखी टिप्पणियों का ही नतीजा था कि वन मंत्री दोपहर के भोजन से पहले अपना भाषण खत्म नहीं कर पाए और भोजनावकाश के बाद देर से आने पर विपक्ष ने उन्हें नहीं बोलने दिया। इससे पहले, वन मंत्री राकेश पठानिया ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि अभिभाषण दस्तावेज में जयराम ठाकुर सरकार की चार साल की उपलब्धियों का जिक्र है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य सरकार ने जो-जो काम किए हैं, उनका ब्यौरा है। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार ने कर्मचारियों की सारी मांगें पूरी की हैं और एनपीएस कर्मचारियों की मांग पर जेसीसी की बैठक में फैसला किया कि एनपीएस कर्मचारी की मृत्यु पर उनके परिवार को भी राहत मिलेगी। पठानिया ने कहा कि यह सरकार कर्मचारी हित की सरकार है। इस सरकार ने दो वर्ष काम रुकने के बाद भी समय पर सारा वेतन दिया है। कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कोरोना काल में क्या हुआ है, वह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब आई तो सरकार सो रही थी।
आईपीएस नेगी के समर्थन में आये तीन विधायक
गुप्त सूचनाएं लीक करने के आरोप झेल रहे हिमाचल प्रदेश कैडर के तेज तर्रार व युवा आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी का प्रदेश कांग्रेस के तीन विधायकों ने समर्थन किया है। विधायक जगत सिंह नेगी, मोहन लाल ब्राक्टा और नंद लाल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखकर यह सारा मामला केंद्र सरकार से उठाने और इस मामले के जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। इन कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं, अरविंद दिग्विजय नेगी ने अपने कार्यों का निर्वहन ईमानदारी, निष्ठा, कुशल कार्यशैली और तेजतर्रार अधिकारी के रूप में चर्चित रहने के साथ-साथ एनआईए व प्रदेश पुलिस में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं।