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जनता के बीच पहुंचे ‘भगवान विष्णु’, पारंपरिक रूप से मनाया मार्कण्डेय ऋषि मंगलौर का कंढेरी ‘बीठ’

मंडी, 17 फरवरी (निस) मंडी-कुल्लू सराज के केंद्र मंगलौर में ऐतिहासिक कंढेरी ‘बीठ’ पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दो रियासतों के देवता ऋषि मार्कण्डेय और स्थानीय देवता आदि ब्रह्मा को समर्पित इस उत्सव के साथ ही सराज...
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मंडी-कुल्लू सराज के केंद्र मंगलौर में देवता के आगे नाचते देवालू।-निस
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मंडी, 17 फरवरी (निस)

मंडी-कुल्लू सराज के केंद्र मंगलौर में ऐतिहासिक कंढेरी ‘बीठ’ पारंपरिक रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दो रियासतों के देवता ऋषि मार्कण्डेय और स्थानीय देवता आदि ब्रह्मा को समर्पित इस उत्सव के साथ ही सराज में फागली पर्व संपन्न हो गया है। प्रत्येक तीसरे साल कंढेरी गांव में मनाए जाने वाले इस देव उत्सव में हजारों लोगों और देवालुओं ने भाग लिया। देवता मार्कण्डेय के आदेशानुसार जंगली फूलों और नरगिस से तैयार बीठ को पहले दिनभर नचाने के बाद देर शाम लोगों के बीच फेंका गया और गांव के ही एक युवक रवि ने कड़ी मशक्कत के बाद इसे पकड़ने में सफलता पाई। मान्यता है कि भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार इस बीठ को पकड़ने से मनोकामना पूरी हो जाती है। हर वर्ष भगवान विष्णु फागली उत्सव में इस बीठ और मुखौटेधारियों के रूप में धरती पर आते हैं और पूरे एक माह फागली उत्सव में गांव-गांव लोगों के बीच दर्शन देकर फ़िर जनता के बीच अचानक गायब होकर वापस चले जाते हैं। जिस व्यक्ति के हाथ में ये नरगिस फूलों का गुच्छा आता है वह व्यक्ति खुशी से धाम खिलाता है। उत्सव में दिनभर नाटी और शाम को देवता और बीठ के साथ पारंपरिक नृत्य खास आकर्षण रहे।

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