निरमंड, रामपुर में भगवान परशुराम जयंती की धूम
रामपुर बुशहर,29 अप्रैल (हप्र)
भगवान परशुराम जी एवं मां अंबिका की पवित्र नगरी छोटी काशी निरमंड में आज परशुराम जयंती धूमधाम एवं श्रद्धापूर्वक मनाई गई। भगवान परशुराम जी की कोठी में आज सुबह से ही पूजा-पाठ,हवन-यज्ञ एवं भजन कीर्तनों का लंबा दौर चलता रहा। सुबह चले पाठों के दौर के बाद हवन यज्ञ देर सांय तक चलता रहा। इस बीच स्थानीय विद्वान पंडितों द्वारा भगवान परशुराम जी मूलमंत्र के 31000 जाप भी किए गए। दिन भर महिलाओं के भजन कीर्तनों से पूरी निरमंड नगरी गूंजती रही।भोग वितरण के उपरांत एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं कारदार पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी माता अंबिका एवं भगवान परशुराम जी मंदिर कमेटी की ओर से धर्म तथा संस्कृति के रक्षक भगवान परशुराम जी की जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। पूरे दिन निरमंड स्थित भगवान परशुराम जी की कोठी के अंदर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन देर शाम तक धूमधाम से चलता रहा। वहीं, भगवान परशुराम जी की जयंती मंगलवार को रामपुर बुशहर उपमंडल के लालसा में माता मंगला काली मंदिर में भी धूमधाम से मनाई गई। सुबह प्रातः काल परशुराम की मुख्य तपस्थली शनेरी से उनकी पालकी निकाली गई। इस मौके पर भगवान परशुराम ने जिन चार ठहरियों पर अपनी माता के शाप से मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थीं, उन चारों ठहरिओं शनेरी, शिगला, लालसा व डनसा के देवताओं का मां मंगला काली मंदिर लालसा में देवलुओं द्वारा स्वागत किया गया। महिलाओं द्वारा इस दौरान पौराणिक गीत गाए गए। माता मंगला काली मन्दिर के भंडारी जन्म देव शर्मा, मोत्मीम कृष्ण लाल शर्मा व ताराचंद शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम की जयंती हर साल क्रमशः डंसा के देवता का दमुख, लालसा के देवता जोदनु, शनेरी के देवता झरु नाग, शिंगला के योगेश्वर गुरु महाराज मंदिर में मनाई जाती है। मंदिर परिसर में चारों देवों की नाती के बाद शाम को देवों की विदाई का कार्यक्रम हुआ। विदाई के समय श्रद्धालु भावुक और भाव विभोर हो गए। इसी तरह ब्राह्मण समाज सुधार सभा ने रामपुर बुशहर के अयोध्या नाथ मंदिर में भगवान परशुराम जयंती को धूमधाम से मनाया। इस मौके पर समाज सुधार सभा के उपाध्यक्ष पूज्य देव शर्मा, सत्यदेव शर्मा, श्रवण शर्मा, ए के-एक गोस्वामी, कृष्ण गोपाल भारद्वाज भी विशेष रूप से मौजूद रहे।