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London Summit : हाउस ऑफ लॉर्ड्स में हिमाचल की आवाज; सुक्खू बने पहले सीएम, जिन्होंने किया ब्रिटेन की संसद को संबोधित

इंडो-यूरोपियन बिजनेस फोरम ने लीडरशीप एंड गवर्नेंस अवार्ड से किया सम्मानित

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London Summit : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार सायं आयोजित शिखर सम्मेलन में लंदन स्थित हाउस ऑफ लॉर्डस को संबोधित किया। ऐसा करने वाले वह संभवतः देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। इस सम्मेलन का आयोजन इंडो-यूरोपियन बिजनेस फोरम द्वारा किया गया जिसमें सुक्खू ने मुख्य भाषण दिया।

उन्होंने वैश्विक निवेशकों को हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा, पर्यटन, बागवानी, सूचना प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित किया। विश्वास और लचीलेपन की ठोस नींव पर आधारित निवेशक हितैषी नीति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की शत-प्रतिशत साक्षरता दर पर भी प्रकाश डाला।

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सुक्खू ने कहा कि हिमाचल हर मौसम में विश्व भर के पर्यटकों के लिए पसंदीदा गंतव्य होने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार की गतिविधियों का केंद्र बनकर भी उभरा है। राज्य सरकार ‘व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल’ के संकल्प पर कार्य करते हुए इसे आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक दृष्टिकोण है जिसे प्रदेशवासियों के सहयोग से साकार किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की दूरदर्शी नीतियों और योजनाओं के फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश स्वच्छ और हरित ऊर्जा, पर्यटन, बागवानी, सूचना प्रौद्योगिकी, डेटा भंडारण और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हिमाचल देश में पहले ही जलविद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इन क्षेत्रों में यूरोपीयन विशेषज्ञता और भारतीय आकांक्षाएं मिलकर मील पत्थर स्थापित कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के सेबों ने एक वैश्विक ब्रांड के रूप में अपनी अलग पहचान कायम की है। अब राज्य सब्जियों, फूलों की खेती और अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों के क्षेत्र में भी विस्तार कर रहा है और ये उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार की अभिनव नीतियों ने प्राकृतिक खेती और डेयरी क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खोले हैं। यूरोपीयन निवेशकों से स्वास्थ्य, जैविक उत्पादों और सतत् जीवनशैली में अवसरों को तलाशने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश निरन्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है तथा सामाजिक क्षेत्र में उठाए गए कदम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

उन्होंने यूरोपीयन निवेशकों, उद्यमियों और इन्नोवेटरों को हिमाचल प्रदेश आने का निमंत्रण देते हुए आश्वस्त किया कि यहां उन्हें न केवल व्यावसायिक अवसर मिलेंगे बल्कि इससे विश्वास, स्थिरता और साझा मूल्यों पर आधारित साझेदारियां भी स्थापित होंगी।

मुख्यमंत्री को इस अवसर पर इंडो-यूरोपियन बिजनेस फोरम ने हिमाचल प्रदेश में उनके दूरदर्शी और परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए लीडरशीप एंड गवर्नेंस अवार्ड से सम्मानित किया।

आईईबीएफ के संस्थापक विजय गोयल, लॉर्ड डेविड इवांस, मंत्री कनिष्क नारायण, मंत्री सीमा मल्होत्रा, वीरेंद्र शर्मा, घाना से हिज एक्सीलैंसी सैमुअल महामा, श्रीलंका के पूर्व विदेश मंत्री और उच्चायुक्त डॉ. रोहितगा, डॉ. नीरजा बिड़ला, निहारिका हांडा, तेजेश कुमार कोडाली, सुबोध कुमार गुप्ता और संदीप साली भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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