शिमला, 9 नवंबर (निस)
हिमाचल प्रदेश में तीसरी से सातवीं कक्षा तक के नन्हे-मुन्ने कल से फिर स्कूल लौट रहे हैं। ये बच्चे कोरोना महामारी के चलते 21 महीनों बाद कल फिर स्कूल आएंगे। इन नन्हे-मुन्नों के स्कूल लौटने का फैसला बीते रोज ही प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। प्रदेश में कल से नियमित तौर पर शुरू हो रही तीसरी से सातवीं कक्षा तक के बच्चों के स्कूल आने को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधनों को माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि बच्चे में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह ने आज शिमला में कहा कि सभी स्कूल प्रबंधकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं और कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए स्कूलों को लगातार सेनेटाइज किया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में साफ सफाई के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में बच्चों की रेंडम सैंपलिंग होगी और कोरोना के लक्षण वाले बच्चों को स्कूल में आने की इजाजत नहीं होगी। इसके अलावा स्कूलों में प्रात:कालीन प्रार्थना सभा, खेल कूद और सांस्कृतिक गतिविधयों पर पहले की तरह रोक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि अभी तक 18 साल से कम आयु के बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में ये वर्ग कोरोना महामारी के लिए सबसे संवेदनशील है। हालांकि प्रदेश सरकार ने अब पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के स्कूल भी नियमित तौर पर खोलने का निर्णय ले लिया है। इन कक्षाओं के बच्चे 15 नवंबर से नियमित तौर पर स्कूल आएंगे। सरकार ने छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला हालांकि अभिभावकों के दबाव में लिया है। इसके बावजूद अभिभावक ही बच्चों की कोरोना से सुरक्षा को लेकर चिंतित भी हैं। हिमाचल में आठवीं से बारहवीं कक्षा तक के स्कूल आरंभ होने के बाद से अब तक लगभग 1500 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं और इस दौरान एक बालिका की कोरोना के कारण मौत भी हुई है।