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सड़कों पर भूस्खलन, आम जनजीवन अस्तव्यस्त

सिरमौर में भारी बारिश से 41 सड़कों पर आवाजाही प्रभावित, 74 लाख की चपत
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भूस्खलन से बंद हुई राजगढ़-टिक्कर सड़क। -निस
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जिला सिरमौर में मूसलाधार बारिश के बीच आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। जिले के अधिकांश इलाकों में जोरदार बारिश के चलते जगह-जगह सड़कों पर भारी भूस्खलन से मंगलवार को आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे वाहन चालकों सहित यात्रियों का भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। भूस्खलन की वजह से कई इलाकों में सरकारी और निजी बसें सड़कों पर फंसी रहीं। ऐसे में बसें अपने गंतव्य तक देरी से पहुंचीं। विभाग के अनुसार भूस्खलन के चलते शिलाई डिवीजन में सबसे ज्यादा 21 सड़कें प्रभावित हुईं। इसके अलावा संगड़ाह डिवीजन में 8, नाहन में 7 और राजगढ़ में 5 सड़कें ठप होने से घंटों तक कई इलाकों का संपर्क उपमंडल मुख्यालयों के साथ साथ अन्य हिस्सों से कटा रहा। बारिश के चलते सड़कों की हालत बेहद ही खस्ता हो चली है। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां बार-बार भूस्खलन हो रहा है। हालांकि, लोक निर्माण विभाग ने कई ब्लैक स्पॉट पर मशीनरी खड़ी की है, ताकि सड़कों को जल्द बहाल किया जा सके। मंगलवार देर शाम तक कई सड़कों को विभाग ने बहाल कर दिया, जबकि कुछेक सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। उधर, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि बारिश से प्रभावित हुई सड़कों से 74 लाख रुपए की चपत लगी है। बारिश के चलते जिला सिरमौर में निजी संपत्ति को भी लगातार नुकसान पहुंच रहा है।

तेज बहाव से टूटी पाइप लाइन

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बीबीएन (निस) : बद्दी के केंदुवाल स्थित सीईटीपी की पाइप लाइन सिपेट संस्थान के पास नाले में आये पानी के तेज बहाव के चलते टूट गई। इससे करीब बारह लाख से अधिक का नुकसान हुआ। बददी के उद्योगों का बाहर निकलने वाला पानी इस पाइप के माध्यम से केंदुवाल प्लांट में जाता है। सिपेट संस्थान के पास नाले में भारी बरसात के चलते पानी के तेज बहाव से यह पाइप लाइन टूट गई। जिससे उद्योगों का आने वाला पानी नदी में चला गया। लेकिन विभाग ने मुस्तैदी दिखाते हुए इसे अथक प्रयासों से टूटी चारों पाइप लाइन को समय रहते बरसात में कार्य करते हुए जोड़ दिया।

राजपुरा जलमग्न, पांच फीट तक जलभराव

राजपुरा (निस) : राजपुरा और आसपास के इलाकों में रात से हो रही लगातार तेज बारिश के कारण, राजपुरा के रेलवे डबल अंडरपास और रेलवे अंडरब्रिज में करीब पांच-पांच फुट पानी भर गया है। इस जलभराव के कारण अंबाला से आ रही एक पीआरटीसी की बस यात्रियों सहित बीच रास्ते में फंस गई। लगभग चार घंटे बाद, एक सरकारी रिकवरी वैन की मदद से बस को बाहर निकाला गया। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने से स्थानीय लोगों में काफी परेशानी हो रही है। शहर की नगर पालिका और प्रशासन इस समस्या पर आंखें मूंदकर बैठा है। करोड़ों की लागत से बने इस डबल अंडरपास और रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव के कारण लगभग 100 गांवों के लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कत हो रही है। इस दौरान राहगीर कृष्णा ने बताया कि उसकी मोटरसाइकिल भी रेलवे अंडरब्रिज में फंस गई है क्योंकि वहां चार फुट तक पानी खड़ा है।

बागीपुल-जाओं सड़क मार्ग का किया निरीक्षण

रामपुर बुशहर (हप्र) : भारी बरसात के कारण करीब 15 दिनों से बंद पड़ी बागीपुल-जाओं-ठारला सड़क को लेकर ग्राम पंचायत चायल के ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल पंचायत उपप्रधान ओमप्रकाश की अगुवाई में एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह से मिला था। इस पर त्वरित कार्रवाई अमल में लाते हुए आज एसडीएम ने लोक निर्माण विभाग मंडल निरमंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार भारद्वाज के साथ सड़क के क्षतिग्रस्त स्थल का निरीक्षण किया तथा सड़क को शीघ्र खोलने को लेकर मंथन किया। इस दौरान एसडीएम ने बताया कि क्षेत्र में सेब सीजन को देखते हुए प्रशासन ने सड़क के साथ लगते शॉर्ट कट रास्ते को दुरुस्त कर इसे तुरन्त खोलने का निर्णय लिया है जिससे क्षेत्र के बागवान अपनी सेब की पेटियों को इस मार्ग से होकर लेबर द्वारा आसानी से ढुलवा सकें। उन्होंने बताया कि सड़क पर पीछे से आ रहे पानी को भी पंचायत के सहयोग से पाइपें लगाकर डायवर्ट किया जाएगा। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग मंडल निरमंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि 10 दिनों की भीतर इस सड़क मार्ग को युद्व स्तर पर कार्य चलाकर बहाल कर दिया जाएगा। प्रशासन व विभाग से आज मिले इस संयुक्त आश्वासन के बाद क्षेत्र वासियों ने चैन की सांस ली है तथा इस सड़क के अब शीघ्र खुलने की उम्मीद जताई है।

छोड़ा जाएगा अतिरिक्त पानी : नाथपा-झाकड़ी जल विद्युत परियोजना के प्रबंधकों ने बताया है कि सतलुज नदी में सिल्ट (गाद) की मात्रा में लगातार वृद्धि होने के कारण नाथपा-झाकड़ी जल विद्युत परियोजना को किसी भी समय बंद किया जा सकता है। परियोजना बंद होने की स्थिति में नाथपा डैम से लगभग 1000 क्यूमैक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना प्रबंधन सतलुज नदी के तट पर रहने वाले लोगों से सतलुज नदी के किनारों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है।

मिठड़ी व तियोना माइनर टूटीं

डबवाली (लंबी) (निस) : पंजाब में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से टेल इलाकों की स्थिति गंभीर हो गई है। पानी का दबाव बढ़ने से मंगलवार को लंबी हल्के में मिठड़ी व तियोना माइनरों में दरार पड़ गयी। जिसके चलते गांव गग्गड़ व मिठड़ी बुधगिर के सैंकड़ों एकड़ खेतों में करीब दो-दो फुट तक पानी भर गया। गग्गड़ में तो पानी ढाणियों तक पहुंच गया। मिठड़ी माइनर में एक जगह दरार और दूसरी जगह लीकेज हुई। नहरी सूत्रों के मुताबिक माइनरों में लगभग 20 फ़ीसदी अधिक पानी बह रहा था। सुबह गग्गड़ गांव में मिठड़ी माइनर ओवरफ्लो होने से मोगा नंबर 4000 पर करीब 15 फुट चौड़ा दरार पड़ गयी। गग्गड़ के किसानों ने नहरी विभाग की मदद का इंतज़ार किए बिना मानव श्रृंखला बनाकर मिट्टी की बोरियों से दरार को बंद कर दिया।

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