ज्ञान ठाकुर
निज संवाददाता
शिमला, 3 मार्च
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वाकआउट करना विपक्ष की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में नेतृत्व की भारी कमी है और उसे नारे लगाने तक के लिए सीपीएम का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे लगता है कि कांग्रेस ने अपनी लीडरशिप सीपीएम को आउटसोर्स कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनपीएस 2003 में लागू हुई थी और उस समय भाजपा सत्ता में नहीं थी। उस समय वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे और उन्होंने इसे लागू किया था, लेकिन आज वही कांग्रेस ओपीएस को लागू करने की मांग कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मांगें मनवाने के लिए आंदोलन के माध्यम से दबाव डालना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आज जो कर्मचारी विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं, वह कांग्रेस और माकपा की विचारधारा से जुड़े हैं। ये वही कर्मचारी हैं जो अपने काम की कम जिम्मेदारी और पार्टी की ज्यादा निभाते हैं। उन्होंने ओपीएस के लिए आंदोलन कर रहे कर्मचारियों से सरकार के सामने अपनी बात सौहार्दपूर्ण तरीके से रखने की अपील की और इसके बाद फैसला सरकार पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने माकपा और कांग्रेस पर कर्मचारियों को भड़काने का आरोप भी लगाया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में भले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा की है, लेकिन इसे लागू करना क्या संभव है, यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को आंदोलन से रोकने के लिए जो प्रतिबंध लगाए हैं, इस तरह के प्रतिबंध कांग्रेस अपनी सरकार में बीसियों बार लगा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के लिए हमेशा संवेदनशील रही है और समय-समय पर उनकी सभी मांगें मानी गई हैं, क्योंकि कर्मचारियों की प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी देखेगी कि क्या ओपीएस लागू हो सकती है या नहीं।