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भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक में उठे प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग जगत के मुद्दे

बीबीएन, 10 मई (निस) भारतीय रिजर्व बैंक की 77वीं सशक्तिकरण कमेटी की बैठक शिमला आरबीआई कार्यालय में हुई जिसकी अध्यक्षता रेजिडेंट निदेशक अनुपम किशोर ने की। इस बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग विभाग, एमएसएमई डीएफओ सोलन...
बीबीएन में शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक की बैठक में भाग लेते बैंकिंग सेक्टर व बीबीएन के उद्योग जगत के पदाधिकारी। -निस
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बीबीएन, 10 मई (निस)

भारतीय रिजर्व बैंक की 77वीं सशक्तिकरण कमेटी की बैठक शिमला आरबीआई कार्यालय में हुई जिसकी अध्यक्षता रेजिडेंट निदेशक अनुपम किशोर ने की। इस बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग विभाग, एमएसएमई डीएफओ सोलन तथा एमएसएमई इंडस्ट्रीज एसोसिएशन बीबीएन ने भी शिरकत की। बद्दी में प्रेस वार्ता कर बीबीएन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधि डा. जय गोपाल गोयल ने बताया कि बैठक में हमने प्रमुख तौर पर 7 मुद्दे रिजर्व बैंक की बैठक में रखे। इसमें पहला मुद्दा फंडस ऑन फंडस स्कीम पर भारत सरकार की प्रक्रिया पूछी। सीजीटीएमएसई स्कीम के अंदर एसोसिएशन ने पूछा कि इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश व बद्दी के कितने उद्यमियों ने आवेदन किया था और कितनों को स्वीकृत हुआ और कितने आवेदन रद्द हुए हैं। गोयल ने कहा कि प्री पेमेंट चार्ज जो कि लोन टेकओवर पर नहीं लगता लेकिन कुछ वित्तीय संस्थान ले रहे हैं। वहीं बैकों ने कहा कि हम यह चार्ज नहीं लेते लेकिन निजी फाइनेंस (नॉन बैंकिंग फाइनांशियल कंपनी) इसको लेती है। इसके लिए आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए हमारी ड्राफ्ट पॉलिसी विचाराधीन है जिसके बाद कोई भी यह चार्ज नहीं ले सकेगा। चैक बाउंस मामले पर बद्दी के जय गोपाल गोयल ने कहा कि चैक बाउंस पर बैंक दोनों तरफ से चार्ज काट लेता है जबकि यह सिर्फ चैक देने वाले के ही कटने चाहिए और लेने वाले का कोई कसूर नहीं होता। सूक्ष्म एवं लघु कारखानों के वित्तीय देनदारी में जब आर्वीटेशन अवॉर्ड को बैंक को प्राप्त होने पर, बैंक को चाहिए कि संबंधित पार्टी को बुलाकर मध्यस्थता करे और उसको सेटलमेंट करे।

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