शिमला, 2 मार्च (निस)
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि प्रदेश की राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के तहत चल रहे कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद यदि इन कार्यों की गुणवत्ता में कोई अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में अनियमितता की कोई शिकायत आती है तो उसकी जांच करवाई जाएगी। सुरेश भारद्वाज आज नियम 130 के तहत विधायक विक्रमादित्य सिंह, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, जगत सिंह नेगी, इंद्रदत्त लखनपाल और संजय अवस्थी द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शिमला में पारदर्शी तरीके से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत शहर में हो रहे विकास कार्यों को पूरा होने पर नगर निगम शिमला को सौंप दिया जाएगा और वही इन विकास कार्यों की देखरेख करेगा। उन्होंने सदस्यों के सुझावों पर कहा कि शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी परियोजना का एक ही कमांड सेंटर बनाने पर सरकार विचार करेगी। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत 2905.97 करोड़ रुपए है। अभी तक इस परियोजना के तहत 383 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।