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मैं सोलन हूं, 51 साल से हिमाचल की शान बढ़ा रहा हूं

पहली सितंबर, 1972 को गठित यह जिला चढ़ रहा है तरक्की के सोपान

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सोलन शहर का विहंगम नजारा (इनसेट : ओल्ड डीसी ऑफिस परिसर में लगी जिले की उद्घाटन पट्टिका)। -निस
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यशपाल कपूर/निस

सोलन, 1 सितंबर

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हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला शुक्रवार को 51 साल का हो गया। तरक्की के तमाम सोपानों पर चढ़ता यह जिला मानो अपना परिचय दे रहा हो, ‘मेरा जन्म पहली सितंबर, 1972 को हुआ। महासू व शिमला से अलग कर मुझे नयी जिम्मेदारी मिली। हर संघर्ष को झेलते हुए मैं आज शान से खड़ा हूं। राजनीति से लेकर खेल तक, उद्यम से लेकर उद्योगपति तक, साहस और पराक्रम से लेकर शालीनता और नफासत में मेरा कोई मुकाबला नहीं।’

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असल में हिमाचल निर्माता के तौर पर पहचाने जाने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की मौजूदगी में जब सोलन जिले के गठन की घोषणा हुई तो ओल्ड डीसी ऑफिस चौक पर लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत किया। डॉ. परमार ने हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा था, ‘यह स्वागत मेरा है या नए जिले का।’ डॉ. परमार का मानना था कि छोटी प्रशासनिक इकाइयां बनने से लोगों के विकास में तेजी आएगी और उन्हें सरकारी योजना का लाभ भी मिल सकेगा। सोलन आज विकास के मामले में अन्य जिलों से आगे खड़ा नजर आता है। यह एजूकेशन हब, फार्मा हब, इंडस्ट्री हब और कृषि, बागबानी, मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में भी सफलता के नित नए पायदान चढ़ रहा है। सोलन में कसौली, चायल, सुबाथू, मोहन शक्ति हैरिटेज पार्क, जटोली शिव मंदिर, बाड़ीधार समेत अनेक पर्यटन स्थल यहां मौजूद हैं। मशहूर लेखक खुशवंत सिंह, रस्किन बांड समेत अनेक रचनाकारों, खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों का सोलन से गहरा नाता रहा है।

मशरूम और टमाटर का बड़ा उत्पादक

सोलन को ‘मशरूम सिटी ऑफ़ इंडिया’ का दर्जा भी प्राप्त है। सोलन में राष्ट्रीय खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) भी है। बीते कुछ दशकों में मशरूम उत्पादन से न सिर्फ सोलन, बल्कि देश के हजारों मशरूम उत्पादकों की किस्मत बदली है। टमाटर पर टिकी है सोलन की आर्थिकी। पूरे प्रदेश का 60 फीसदी टमाटर यहीं उगता है जिसे यहां लाल सोना कहा जाता है। यहां करीब 5200 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती की जाती है। इस साल यहां 1 लाख 81 हजार, 475 मीट्रिक टन टमाटर उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

शिक्षा और उद्योग भी बेमिसाल

सोलन में एशिया की पहली डॉ. यशवंत सिंह परमार हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी सहित 9 विश्वविद्यालय हैं। देश के जाने-माने स्कूल लॉरेंस सनावर ,जैसे नामी स्कूल यहीं हैं। प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी और भारतीय भाषा संस्थान मैसूर का उर्दू प्रशिक्षण संस्थान (यूटीआरसी) भी सोलन में ही है। इनके अलावा यहां का बद्दी- बरोटीवाला- नालागढ़ (बीबीएन) हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। इस क्षेत्र में छोटे-बड़े करीब अढाई हज़ार उद्योग हैं।

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