Himachal Debt Crisis हिमाचल का खजाना खाली : सीमित कर्ज क्षमता के बीच राहत की उम्मीद में दिल्ली जाएंगे सुक्खू
हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति नाजुक दौर में पहुंच गई है। राज्य का खजाना लगभग खाली हो चुका है और अब सरकार के पास कर्ज लेने की सीमा भी खत्म होने के कगार पर है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए सुक्खू सरकार के पास केवल 100 करोड़ रुपए कर्ज लेने की क्षमता शेष रह गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार को दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से कर्ज सीमा बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
मुख्यमंत्री 28 व 29 अक्तूबर को दिल्ली प्रवास पर रहेंगे, जहां उनकी मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढिया से तय है। सूत्रों के अनुसार, यह वित्त आयोग अध्यक्ष से सुक्खू की पांचवीं मुलाकात होगी।
सुक्खू केंद्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपए के आपदा राहत पैकेज को जल्द जारी करने की मांग करेंगे। साथ ही जून 2022 में जीएसटी मुआवजा बंद होने के बाद हुए नुकसान की भरपाई का मुद्दा भी उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस लागू करने के बाद केंद्र ने प्रदेश की ऋण सीमा में 1600 करोड़ की कटौती की थी, जिस पर भी चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि ‘हम भाजपा नेताओं के साथ प्रधानमंत्री से मिलने को तैयार हैं। इसमें कोई ईगो नहीं है। भाजपा ने सत्ता में रहते हुए प्रदेश की संपदा को लुटाया, जबकि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद किए हैं।’
