शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का केंद्र से आग्रह करेगा हिमाचल
शिमला, 19 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार किन्नौर जिले से शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में मध्य कमान, लखनऊ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। हिन्दू, जैन, बौद्ध धर्म के लोगों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्त्व है।
हर वर्ष आध्यात्मिक विरासत का निर्वहन करते हुए हजारों तीर्थ यात्री कैलाश की यात्रा करते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री शिपकी-ला दर्रे के माध्यम से तिब्बत में प्रवेश कर सकते हैं, क्योंकि यह एक व्यवहार्य मार्ग है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना करने का आग्रह करेगी, जिसमें राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय लोगों के लिए विशेष कोटा होगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों की यह मांग लंबे समय से लंबित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएसी तक बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों के साथ सहयोग और सहभागिता आवश्यक है। राज्य सरकार केंद्र सरकार से विभिन्न सैन्य और अर्धसैनिक बलों की इनर लाइन चेक पोस्टों को समाप्त करने का भी आग्रह करेगी, जिससे वर्तमान में पर्यटकों के लिए परमिट संबंधी बाधा उत्पन्न होती है।
उन्होंने पर्यटकों की यात्रा को सरल बनाने और आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने पर बल दिया। सुक्खू ने स्पीति घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सेना से रंगरिक में एक हवाई पट्टी स्थापित करने के लिए कहा, ताकि यहां बड़े विमान उतारे जा सकें। उन्होंने सांगला, नेसंग, ठंगी आदि में हेलीपोर्ट बनाने के लिए सर्वेक्षण करने के लिए भी कहा।