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हिमाचल में मेडिकल कालेजों में 3 साल के लिए होगी सीएमओ व एमओ की भर्ती

सरकार ने कार्यकाल आधारित भर्ती नीति को किया अधिसूचित
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हिमाचल प्रदेश में कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसरों व मेडिकल आफिसरों की भर्ती अब 3 साल के लिए होगी। कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसरों (सीएमओ) व मेडिकल ऑफिसरों (एमओ) की भर्ती के लिए सरकार ने नयी नीति जारी की है। कार्यकाल आधारित भर्ती नीति (टेन्योर बेस, इंगेजमेंट पॉलिसी) के तहत चिकित्सकों की भर्ती अटल मेडिकल एवं शोध विश्व विद्यालय के माध्यम से होगी। 2025 में घोषित इस नीति के तहत भर्ती चिकित्सकों को प्रतिमाह 33660 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। नीति के तहत 18 से 45 साल तक के चिकित्सकों की भर्ती होगी। नीति के तहत किसी रिटायर चिकित्सक की तैनाती होने की स्थिति में वह 65 साल से अधिक उम्र तक मेडिकल कालेजों में अपनी सेवाएं दे सकेगा।प्रदेश के मेडिकल कालेजों में प्रोफेसरों व सहायक प्रोफेसरों के साथ-साथ सीएमओ व एमओ के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। हमीरपुर मेडिकल कालेज को छोड़ बाकी सभी मेडिकल कालेजों के साथ-साथ चम्याणा स्थिति सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में भी ऐसे कई खाली पद हैं। लिहाजा नियमित भर्ती प्रक्रिया में लगने वाले वक्त को बचाने के मकसद से सरकार ने कार्यकाल आधारित नई भर्ती नीति घोषित की है। इस नीति के तहत आईजीएमसी में सीएमओ के 34 व चम्याणा में 5 पदों को भरा जाना है। प्रदेश के टांडा व अन्य मेडिकल कालेजों में भी इसी नीति के तहत भर्ती होगी।

इमरजेंसी मेडिकल विभाग में भरे जाएंगे 32 पद

सीएमओ व एमओ के 81 पदों को भरने के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग ने सहायक प्रोफेसरों के 32 पदों को भरने की तैयारी कर ली है। इन पदों को ह्रदय रोग, यूरोलोजी, न्यूरो सर्जरी व गैस्ट्रो एंट्रोलोजी विभागों में भरा जाएगा। भर्ती आईजीएमसी, टांडा, नेरचौक व हमीरपुर मेडिकल कालेजों के लिए की जाएगी।

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