ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

हिमाचल पुलिस की पहल : ध्वनि चिकित्सा से तनाव होगा दूर

पुलिस प्रशिक्षण को और अधिक प्रभावशाली और समग्र बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, डरोह ने अपने 246 सहायक पुलिस उपनिरीक्षकों के लिए ध्वनि चिकित्सा (साउंड थेरेपी) सत्रों की शुरुआत की है।...
धर्मशाला में बृहस्पतिवार को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिविर में भाग लेते पुलिस प्रशिक्षु।-निस
Advertisement

पुलिस प्रशिक्षण को और अधिक प्रभावशाली और समग्र बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय, डरोह ने अपने 246 सहायक पुलिस उपनिरीक्षकों के लिए ध्वनि चिकित्सा (साउंड थेरेपी) सत्रों की शुरुआत की है।

इस पहल का उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना, तनाव कम करना और भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देना है।

Advertisement

इस पहल का शुभारंभ डीआईजी सुष्री सीमा संजीवन, आईपीएस के विशेष निर्देशों पर किया गया। सत्रों में विशेष रूप से तिब्बती गायक कटोरी और गोंग का उपयोग किया जा रहा है, जिससे लगभग 40 मिनट के ध्वनि सत्र में गहन विश्रांति और मानसिक स्पष्टता अनुभव की जा रही है।

पुलिस कर्मियों को बेहतर बनाने में सहायक

पुलिस अधिकारी अक्सर शारीरिक और मानसिक तनाव में कार्य करते हैं, जिससे उनके कार्य निष्पादन पर प्रभाव पड़ता है। ध्वनि चिकित्सा के माध्यम से तनाव कम करने, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने और भावनात्मक स्थिरता बनाए रखने में सहायता मिल रही है। इस अभिनव प्रयोग को प्रशिक्षण कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग बनाते हुए पुलिस विभाग ने भविष्य के प्रशिक्षणों में भी इसे शामिल करने की योजना बनाई है। यह पहल न केवल एक कोर्सिक बदलाव है बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन पर भी ध्यान केंद्रित करती है। इससे अधिकारियों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार की संभावना है और अंततः समाज को बेहतर सेवा देने की दिशा में भी मदद मिलेगी।

Advertisement