Himachal News: हिमाचल के पांगी के ठांगी ड्राईफ्रूट की है बड़ी डिमांड, यहां पढ़े इस फल के बारे में
एमएम डैनियल/निस, चंबा, 20 फरवरी
Himachal News: पांगी हिमाचल के चंबा जिले का दुर्गम एवं जनजातीय क्षेत्र है, जोकि सर्दियों में शेष विश्व से कटा रहता है और सिर्फ हेलीकाप्टर ही एक मात्र साधन बचता है। मगर इसके बावजूद यहां जो फसलें अथवा फल मिलते हैं वह स्वास्थ्य गुणवत्ता युक्त होने सहित विश्वविख्यात हैं। जिनमें पांगी में पाया जाने वाला एक फल ठांगी भी है। यह फल केवल पांगी घाटी में ही पाया जाता है, जो कि ठांगी फल खुमानी की तरह होता है। ये बाहर से कठोर होता है। इस तोड़ने पर अंदर से बादाम की तरह एक गिरी निकलती है।
प्रधानमंत्री मोदी तक चंबा प्रवास के दौरान कर चुके हैं पांगी की ठांगी जिक्र
ठांगी' पांगी घाटी के जंगलों में पाया जाना वाला ऐसा ड्राईफ्रूट जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंबा प्रवास के दौरान अपने अभिवादन कर चुकें हैं। पांगी की ठांगी एक ऐसा जंगली और जैविक उत्पाद है जोकि केवल पांगी घाटी में ही पाया जाता है। पांगी घाटी में सर्दियों में होने वाली बर्फबारी में ठांगी के पेड़ को मजबूत माना जाता है। ठांगी फल का पेड़ इतना मजबूत होता है कि भारी बर्फबारी से भी नहीं टूटता है, जबकि क्षेत्र के लोग इस पेड़ की लकड़ियों को भी सर्दियों में जलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
हजारों रूपए कीमत है बाजार में पांगी के स्थानीय ड्राइफ्रूट की
जिला चंबा के दुर्गम क्षेत्र में पाए जाने वाले ठांगी फल उपमंडल पांगी का एक ड्राइफ्रूट है। जिसकी गुणवक्ता की जानकारी जैसे-जैसे विख्यात हो रही है। वैसे-वैसे बाजार में इसकी कीमत भी बढ़ती नजर आ रही है। एक वह भी समय था जब विभिन्न विभागों के अधिकारी पांगी में अपनी सेवाएं देते थे तो उन्हें स्थानीय लोग उपहार के रूप में व नाममात्र रूपए ठांगी फल को सरलता देते रहे हैं, लेकिन वक्त के साथ देश-विदेश में बढ़ रही ठांगी फल की डिमांड के चलते वर्तमान समय पांगी के स्थानीय ड्राइफ्रूट की कीमत में भी काफी उछाल आ गया है। मौजूदा समय में ठांगी फल की बाजार कीमत 3 हजार रूपए से लेकर 3 हजार 990 किलो तक पहुंच गई है। वहीं अगर पांगी क्षेत्र में जाकर व्यक्ति स्वयं इस फल को वहां के स्थानीय बागवानों से खरीदता है तो भी इसकी कीमत 15 सौ रूपए से लेकर 2 हजार रूपए तक है।
लोगों की स्वास्थ्य के लिए है ठांगी फल कारगर
पांगी का ठांगी फल लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी कारगर माना जाता है। ठांगी फल के सेवन से हृदय रोग के लिए लाभदायक है। । यह ठांगी फल की तकसीर न तो अधिक गर्म होती न ठंडा होती है। ठांगी फल की फसल सितंबर-अक्टूबर माह में निकलती है। पांगी के कई बागवानों ने ठांगी फल के पेड़ अपने खेत में लगाए हैं। ठांगी न तो अधिक गर्म होती न ठंडी।
जीआई टैग के लिए पांगी की ठांगी फल का नाम प्रस्तावित
पांगी हिल्स ट्राइबल माल्ट जिला चंबा के निदेशक डॉ. हरीश शर्मा का कहना है कि पांगी क्षेत्र में दो वर्षो से पांगी की नर्सरी में ठांगी के पौधे तैयार करके विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे हैं। इसका उत्पाद 2000 मीटर से 3000 मीटर तक की ऊंचाई तक ही संभव होता है। ठांगी केवल पांगी घाटी में ही पाई जाती है। वहीं सरकार से इस फल ठांगी की भोगौलिक पहचान के लिए जीआई टैग के लिए भी आवेदन किया गया है। ताकि पांगी में पाए जाने ठांगी फल को एक अलग पहचान दिलवाई जा सकें। गत 3 वर्षों से पांगी क्षेत्र में पाए जाने वाले ठांगी फल उत्पाद को इंटरनेशनल मार्केट में भी बेच रहे है।