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Himachal News : शीतकालीन सत्र के पहले दिन सुक्खू सरकार पेश करेगी संशोधन विधेयक

राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल मामला
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फाइल फोटो
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शिमला, 1 दिसंबर (हप्र)

राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा के विवाद से घबराई हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार बैकफुट पर आ गई है। प्रदेश सरकार ने इस विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सदन में संशोधन विधेयक पेश करने का ऐलान किया है ताकि जमीन विवाद से जुड़े इस मामले का हल हो सके और विपक्ष द्वारा इसे मुद्दा बनाने से रोका जा सके। साथ ही विपक्ष के हाथ से एक मुद्दा भी छीना जा सके। यह निर्णय इस अस्पताल के मामले को सुलझाने के लिए आज शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। इस बैठक में जमीन के हस्तांतरण के लिए संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार करने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए।

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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा को राहत प्रदान करने तथा अस्पताल को कार्यशील रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अस्पताल को कार्यशील रखना चाहती है ताकि आसपास के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धर्मशाला में 18 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेगी। उन्होंने संशोधन विधेयक का मसौदा तुरंत तैयार करने तथा इसे मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने शुरू में संगठन को राहत देने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार किया था, लेकिन विधानसभा सत्र के शीघ्र ही आयोजित होने के कारण संशोधन विधेयक पेश करना अधिक व्यवहार्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा की भूमि से संबंधित मामला करीब एक दशक से अनसुलझा है। भाजपा के कार्यकाल के दौरान भी वर्ष, 2019 में इस मामले पर चर्चा हुई थी, राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने तत्कालीन भाजपा सरकार से राहत की मांग भी की थी। बैठक में विधायक सुरेश कुमार और कमलेश ठाकुर, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन और विधि सचिव शरद कुमार लगवाल मौजूद थे।

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