मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Himachal News: राजस्व मंत्री नेगी ने रामपुर बुशहर में वनाधिकार समितियों को किया जागरूक

प्रेम राज काश्यप/हप्र, रामपुर बुशहर, 8 अप्रैल राजस्व, बागवानी , जनजातीय विकास एवं जन शिकायत मंत्री जगत सिंह नेगी ने राजकीय महाविद्यालय रामपुर बुशहर के सभागार में वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत रामपुर बुशहर व ननखड़ी विकास खंड में गठित...
Advertisement

प्रेम राज काश्यप/हप्र, रामपुर बुशहर, 8 अप्रैल

राजस्व, बागवानी , जनजातीय विकास एवं जन शिकायत मंत्री जगत सिंह नेगी ने राजकीय महाविद्यालय रामपुर बुशहर के सभागार में वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत रामपुर बुशहर व ननखड़ी विकास खंड में गठित वनाधिकार समितियों की कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने  अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम-2006 व नियम 2008 व संशोधित नियम 2012, वन अधिकार कानून 2006 एफसीए के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

Advertisement

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति श्रेणी के सदस्य या समुदाय जो 13 दिसंबर 2005 से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हैं व अन्य परंपरागत वनवासी के सदस्य या समुदाय जो 13 सितंबर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों (75 साल ) से प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हैं और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरत के लिए वन या वन भूमि पर निर्भर है उन्हें व्यक्तिगत, सामुदायिक व सामुदायिक वन संसाधनों की सुरक्षा एवं प्रबंधन का अधिकार है।

उन्होंने बताया कि वन अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इस कानून के तहत विभिन्न स्तरों पर जैसे गांव, उप मंडल, जिला व राज्य स्तर पर समितियां का गठन करने का प्रावधान है और हर समिति को भूमिका व जिम्मेदारी दी गई है और वन अधिकार अधिनियम के कानून में विस्तार से बताया गया है।

राजस्व मंत्री ने वन अधिकार कार्यशाला में बताया कि वन अधिकार कानून लोगों की वन भूमि पर आधिकारिक आजीविका को सुरक्षा देने के साथ-साथ ग्राम सभा को सामुदायिक व वन संसाधनों की सुरक्षा संरक्षण एवं प्रबंधन का अधिकार एवम जिम्मेदारी भी देता है। किसी भी परियोजना में वन भूमि के हस्तांतरण के से पहले वन अधिकार कानून के तहत अधिकारों को निहित करने व मान्यता देने की प्रक्रिया पूरी होना चाहिए और इसके लिए ग्राम सभा में 50% कोरम से अनापत्ति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।

नेगी ने बताया कि वन अधिकार मान्यता पत्र केवल उन्हें मिलेगा जिस पर दावेदार का पहला कब्जा 13 दिसंबर 2005 से पहले का है और इस कानून में दिए गए बाकी प्रावधान के अनुसार पात्र है । इसके उपरांत जनजाति विकास मंत्री श्री जगत सिंह नेगी ने रामपुर में जनजाति हॉस्टल का निरीक्षण किया और उनके प्रबंधन का जायजा लिया। इस अवसर पर उपमंडल अधिकारी (नागरिक) रामपुर बुशहर निशांत तोमर,डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा, प्रदेश इंटक उपाध्यक्ष बिहारी सेवगी,वनमंडलाधिकारी गुरहर्ष सिंह व विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Advertisement
Show comments