Himachal News: विमल नेगी मौत मामले में गरमाई राजनीति, जयराम ठाकुर सरकार पर हमलावर
ज्ञान ठाकुर/हप्र, शिमला, 25 मई
Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के फैसले के बाद से विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है। प्रदेश सरकार के अधिकारियों खासकर एसपी शिमला द्वारा अपने ही विभाग के डीजीपी और प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह तथा पूर्व डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद भाजपा ने प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा हो जाने का दावा किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने रविवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है और वह तत्काल नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने विमल नेगी मौत मामले में विधानसभा में सरेआम झूठ बोला है और न केवल मृतक चीफ इंजीनियर विमल नेगी के परिवार बल्कि पूरे प्रदेश को इस मामले में गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था का पतन हो गया है क्योंकि आज प्रदेश में मुख्यमंत्री की बात न तो उनका एसपी मानता है न ही डीजीपी और न ही मुख्यमंत्री के सहयोगी उनकी बात मानते हैं।
जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि प्रदेश सरकार विमल नेगी मौत मामले की जांच हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद सीबीआई को सपने में जानबूझकर देर कर रही है ताकि वह इस मामले में और सबूत नष्ट कर सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। इस भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाए, इसलिए प्रदेश सरकार पहले दिन से ही विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार कर रही थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो बार विधानसभा में खड़े होकर झूठ बोला कि विमल लगी के परिजन इस मामले की सीबीआई से जांच नहीं चाहते और वे प्रदेश सरकार की जांच से ही संतुष्ट हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत के लिए ऊना के पेखुवाल में बना सौर पावर प्लांट सबसे बड़ा कारण है।
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश सरकार इस पावर प्लांट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट विमल नेगी से दबाव डालकर दिलवाना चाहती थी, जबकि विमल नेगी इससे सहमत नहीं थे, क्योंकि इस सोलर पावर प्रोजेक्ट में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और सरकार को नियमों के तहत 10 प्रतिशत लिक्विडेशन डैमेज के एवज में निर्माता कम्पनी से 22 करोड रुपए मिलने थे लेकिन सरकार ने इसके विपरीत 13 करोड रुपए कंपनी को ही दे दिए क्योंकि सरकार और अधिकारी मिले हुए हैं।
जयराम ठाकुर ने दावा किया कि विमल नेगी मौत मामले की जांच हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपने के बाद अब प्रदेश की सुक्खू सरकार राज्य के पुलिस महानिदेशक और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है क्योंकि इन दोनों ही अधिकारियों ने सरकार की सुविधा के अनुसार अपनी जांच रिपोर्ट और हलफनामा नहीं दिया है।
उन्होंने इसे प्रदेश में संवैधानिक संकट करार दिया और कहा कि प्रदेश में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जयराम ठाकुर ने प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि हमारा लक्ष्य विमल नेगी के परिवार को न्याय दिलाने का है। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने वालों को सजा मिलनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि सुक्खू सरकार का पाप का घड़ा अढ़ाई साल में ही भर गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनकी सरकार के जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस एक अनुशासनात्मक संगठन है लेकिन प्रदेश पुलिस के एक एसपी द्वारा अपने ही डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोलने और प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा एसपी को फटकार लगाने के बावजूद फैसले को लीव पिटिशन के माध्यम से चुनौती देने का ऐलान अनुशासनहीनता है।
उन्होंने यह भी कहा कि एसपी शिमला संजीव गांधी ने हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद यह ऐलान किया है कि वह सीबीआई को मामले से संबंधित दस्तावेज नहीं सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि एसपी शिमला का यह रवैया अनुशासनहीनता है और उनकी फ्रस्ट्रेशन को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एसपी शिमला ने डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव व पूर्व डीजीपी पर आरोप लगाकर और उनकी रिपोर्ट को खारिज कर बहुत बड़ी अनुशासनहीनता की है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति हिमाचल में तो क्या देश में भी कभी नहीं आई।
सुधीर शर्मा ने दिया आपराधिक मानहानि का नोटिस
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला के एसपी संजीव गांधी द्वारा भाजपा विधायक सुधीर शर्मा पर की गई टिप्पणी के मामले में सुधीर शर्मा ने एसपी शिमला को आपराधिक मानहानि का नोटिस दे दिया है।
उन्होंने कहा कि शिमला के एसपी ने न केवल अपनी ही सरकार के और अपने ही विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है बल्कि वह विपक्षी दल भाजपा के विधायकों और नेताओं के खिलाफ भी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर टिप्पणियां कर रहे हैं जो एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी की घोर अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से एसपी शिमला के हाथ पैर फूल गए हैं और वह अब फ्रस्ट्रेशन में आकर कुछ भी बोले जा रहे हैं।