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Himachal News : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में फिर बनेगी एश्योरेंस कमेटी, तय होगी मंत्रियों की जबाबदेही

Himachal News : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर आश्वासन देने वाले अथवा घोषणाएं करने वाले मंत्रियों की अब विधानसभा जवाब देही तय करेगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रदेश विधानसभा की एश्योरेंस(आश्वासन) कमेटी को फिर...
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Himachal News : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर आश्वासन देने वाले अथवा घोषणाएं करने वाले मंत्रियों की अब विधानसभा जवाब देही तय करेगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रदेश विधानसभा की एश्योरेंस(आश्वासन) कमेटी को फिर से गठित करने की घोषणा की है।

पठानिया ने वीरवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि यह कमेटी पहले विधानसभा में एक्जिस्ट करती थी लेकिन पिछले कई सालों से इस कमेटी का गठन नहीं हुआ है और विधानसभा अब 28 साल बाद फिर से इस कमेटी का गठन करने जा रही है। एश्योरेंस कमेटी के अभाव में विधानसभा में मंत्रियों अथवा सरकार की ओर से दिए जाने वाले आश्वासनों अथवा घोषणाओं की मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। इसी के दृष्टिगत विधानसभा ने अपनी आश्वासन समिति को फिर से गठित करने का फैसला किया है ताकि जनहित में होने वाली घोषणाओं अथवा दिए जाने वाले आश्वासनों को विधानसभा के माध्यम से लागू करवाया जा सके।

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विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधानसभा की याचिका कमेटी का पुनर्गठन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस कमेटी के माध्यम से सरकारी स्तर पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के उन मुद्दों का निपटारा होगा जिनके लिए अक्सर उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है क्योंकि विभागीय स्तर पर उन्हें किसी न किसी कारण न्याय नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि नियमों के दायरे में रहकर कमेटी ऐसे मामलों का निपटारा करेगी और सरकार से उन्हें लागू करवाएगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 14वीं विधानसभा में अब तक कुल 73 विधेयक पारित किए गए हैं। इनमें से 12 विधेयक ऐसे हैं जिन्हें राज्यपाल अथवा राष्ट्रपति से अभी मंजूरी मिलना बाकी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभा सदस्यों और पूर्व सदस्यों के वेतन व पेंशन का विधेयक पारित हुआ है। इसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक यदि विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा पारित किए जाने वाले विधेयकों को 3 महीने के भीतर राज्यपाल अथवा राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिलती है तो ऐसे विधेयकों को स्वतः स्वीकृत माना जाएगा। ऐसे में जिन विधेयकों को अभी तक मंजूरी नही मिली है, उन्हें स्वतः ही मंजूर माना जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह मौजूदा समय में विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी के पक्षधर नहीं है क्योंकि इस समय प्रदेश आपदा से जूझ रहा है। ऐसे में सरकार का पूरा ध्यान आपदा प्रभावितों के कल्याण और पुनर्वास पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष पहले भी प्राकृतिक आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आता रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह अपने एक महीने का वेतन आपदा राहत कोष में देंगे और वह इसकी विधिवत घोषणा विधानसभा सदन में करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा विधायकों के खिलाफ अवमानना का मामला अभी लंबित है।

36 करोड़ से फिर बनेगा मेट्रोपोल

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि विधानसभा के आधिकारिक एमएलए व कर्मचारी आवास मेट्रोपोल का नए सिरे से 36 करोड रुपए की लागत से निर्माण किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने विधानसभा को ये राशि जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि इस बिल्डिंग को असुरक्षित घोषित किया गया है।

हालांकि इसमें अभी भी कुछ विधायक और विधानसभा के कर्मचारी रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधायकों और कर्मचारियों को फिलहाल वैकल्पिक आवास नहीं मिले हैं। इस कारण मेट्रोपोल को खाली नहीं किया जा सका है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेट्रोपोल में रह रहे विधानसभा के कर्मचारियों को सरकार की ओर से 12000, 18000 और 22000 रुपए का मकान किराए का स्लैब दिया गया है ताकि वह निजी क्षेत्र में भी आवासों की तलाश कर सके।

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