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Himachal Monsoon Session : विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित, हिमाचल में आई मानसून आपदा को घोषित किया गया राष्ट्रीय आपदा

हिमाचल में प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित
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हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी बात रखते हुए। -एएनआई -file
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Himachal Monsoon Session : हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने राज्य में मौजूदा मॉनसून के दौरान आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर वीरवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान विपक्षी दल भाजपा ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि भाजपा ने प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का विरोध भी किया और पूरे जवाब के दौरान विपक्ष सदन के बीचों बीच पहुंचकर नारेबाजी तथा हंगामा करता रहा। यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नियम 102 के तहत सदन में पेश किया था।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास करना जरूरी है। भले ही केंद्र सरकार हिमाचल की प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करे। लेकिन देशभर में यह संदेश जाना चाहिए कि हिमाचल सच में मदद का हकदार है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार हिमाचल में बार-बार आ रही प्राकृतिक आपदा के बावजूद प्रदेश की कोई मदद न कर राज्य के साथ भेदभाव कर रहा है।

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जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2023 में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के समय भी साथ नहीं दिया था और इस बार भी भाजपा पीड़ित लोगों के साथ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ हल्ला करने के लिए ही सदन में आती है। राजस्व मंत्री ने कहा कि भाजपा सहायता मांगने के लिए केंद्र में भी गई थी, लेकिन वह खाली हाथ ही वहां से लौटी है।

जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा के बावजूद चंबा जिले के किसी भी क्षेत्र में भुखमरी जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिमहेश यात्रा मार्ग अथवा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राशन खत्म हो जाने के भाजपा के आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी ताकत से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी है। आज भी भरमौर से 38 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से चंबा लाया गया है। उन्होंने कहा कि चंबा में राहत व बचाव कार्य के लिए चार हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।

इसके अलावा कुल्लू में भी एक हेलीकॉप्टर राहत व बचाव के लिए लगाया गया है। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश में मौजूदा मॉनसून सीजन के दौरान आ रही प्राकृतिक आपदाओं को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर वीरवार को विधानसभा में सदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने नियम 102 के तहत इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया था।

प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करते हुए लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा को केंद्र से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के अधिकांश राज्य मॉनसून के दौरान आई आपदा को झेल रहे हैं। उन्होंने इन आपदाओं से बाहर निकलने के लिए लंबी अवधि की योजनाएं बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर पहाड़ों का चीरहरण रोकना होगा और इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए ढली से रामपुर के लिए प्रस्तावित सड़क का अधिकांश हिस्सा सुरंग माध्यम से बनाने की केंद्र सरकार से मांग की जाएगी और डीपीआर में भी इसे शामिल किया जाएगा। लोकनिर्माण मंत्री ने कहा कि इस साल फिर से आई प्राकृतिक आपदा से विभाग को अब तक 1444 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने यह कहा कि कुल्लू के लिए सड़क संपर्क बहाल होने तक सरकार कुल्लू घाटी से पंडोह डैम तक सेब की ढुलाई जलमार्ग से करने पर भी विचार कर रही है।

ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने नदी-नालों में ड्रेजिंग की तुरंत आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर साल आ रही प्राकृतिक आपदाओं से नदियों और नालों के रिवर बेड की ऊंचाई लगातार बढ़ रही है। इस कारण इन नदी नालों का पानी किनारों पर बहकर नुकसान कर रहा है। क्योंकि इनका ये नदी नाले चौड़े हो गए हैं। इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, सुरेंद्र शौरी, नीरज नैय्यर, डॉ. जनक राज, अनुराधा राणा और डॉ. हंस राज ने भी हिस्सा लिया।

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