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Himachal HighCourt : हाईकोर्ट ने रद्द की नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक की जमानत याचिका

शिमला, 23 दिसंबर (हप्र) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक की जमानत याचिका रद्द कर दी है। जस्टिस विरेंदर सिंह ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि भारी मात्रा में घटिया/नकली दवाओं...
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शिमला, 23 दिसंबर (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक की जमानत याचिका रद्द कर दी है। जस्टिस विरेंदर सिंह ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि भारी मात्रा में घटिया/नकली दवाओं की बरामदगी अपराध की गंभीरता को बयां करती है और अगर प्रार्थी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा कि ऐसा अपराध करने के बाद भी आवेदक समाज में खुलेआम घूम रहा है। कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द करने का एक और कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि नकली दवाओं का उन लोगों पर प्रभाव, जो आशा और विश्वास में उनका सेवन करते थे, को अभी की परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सरकारी विश्लेषक, क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला चंडीगढ़ की रिपोर्ट भी अपराध की गंभीरता के बारे में बहुत कुछ कहती है। कोर्ट ने कहा कि आवेदक को जमानत पर रिहा करने से अन्य दवा निर्माताओं को भी आसान पैसा कमाने के लिए घटिया/नकली दवाएं बनाने/विपणन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। प्रार्थी अवेंद्र शुक्ला को 6 अक्तूबर, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी के अनुसार 27 जनवरी, 2023 को लाइसेंस की समाप्ति के बावजूद बद्दी स्थित मेसर्स ग्लेनमार्स हेल्थकेयर एलोपैथिक दवाओं का कारोबार कर रही थी और प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, बरामद दवाएं घटिया/नकली गुणवत्ता की पाई गईं। जांच एजेंसी ने कथित तौर पर पाया कि मेसर्स ग्लेनमार्स हेल्थकेयर से बरामद दवाएं नकली प्रकृति की हैं और प्रार्थी फर्जी फर्म के नाम से नकली और घटिया दवाओं के निर्माण में लिप्त हैं।

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bail deniedFarmaHimachal High Court