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हिमाचल हाई कोर्ट ने दो विभागों को लगाई 25 हजार कॉस्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को उच्च वेतनमान देने के अदालती आदेशों पर अमल न करने पर दो अलग अलग मामलों में 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने दोनों मामलों में अदालती आदेशों की...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को उच्च वेतनमान देने के अदालती आदेशों पर अमल न करने पर दो अलग अलग मामलों में 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है।

न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने दोनों मामलों में अदालती आदेशों की अनुपालना न होने पर यह जुर्माना लगाया है। एक मामले में अतिरिक्त महानिदेशक कारागार एवं सुधार सेवाएa द्वारा जारी 4 अगस्त 2025 के कार्यालय निर्देशों के आधार पर कोर्ट को बताया गया कि विचाराधीन निर्णय का अभी तक पालन नहीं किया गया है।

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विभाग की ओर से निर्णय का पालन करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया जिसे कोर्ट ने सशर्त स्वीकारते हुए कहा कि अब विभाग को अदालती आदेश की अनुपालना की एवज में 15,000 रुपये की राशि हिमाचल प्रदेश आपदा राहत कोष में जमा करनी होगी।

दूसरे मामले में शिक्षा विभाग द्वारा दिए उत्तर में कहा गया है कि विचाराधीन निर्णय के विरुद्ध लेटर्स पेटेंट अपील तैयार की जा रही है और दायर की जानी है। कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय मोहित शर्मा एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य एवं अन्य में दिए गए निर्णय पर आधारित है। यह भी वास्तविकता है कि उक्त निर्णय को शिक्षा विभाग द्वारा मोहित शर्मा सहित कई मामलों में स्वयं लागू किया गया है। इस पर विभाग की ओर से इस निर्णय का पालन करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा गया। इसे

कोर्ट ने स्वीकार करते हुए कहा कि हालांकि यह अनुपालना 10,000 रुपये कॉस्ट सहित होगी, जो याचिकाकर्ता को देय होगी।

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