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केसीसी बैंक में पदोन्नति पर हिमाचल हाई कोर्ट की रोक

शिमला, 2 जनवरी (हप्र) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित को बिना कोर्ट की अनुमति के ग्रेड-3 से ग्रेड-4 में पदोन्नति के लिए किसी भी नई डी.पी.सी. की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने...
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शिमला, 2 जनवरी (हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित को बिना कोर्ट की अनुमति के ग्रेड-3 से ग्रेड-4 में पदोन्नति के लिए किसी भी नई डी.पी.सी. की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रतिवादी बैंक को प्रबंध निदेशक के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी कर यह भी पूछा है कि हाईकोर्ट द्वारा डीपीसी को अंतिम रूप देने से जुड़े निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए क्यों न उसके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। मामले की सुनवाई के दौरान बैंक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विभागीय पदोन्नति समिति की कार्यवाही पर बैंक के अध्यक्ष द्वारा अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि इस मामले में हुई डी.पी.सी. की कार्यवाही को कैलेंडर वर्ष की समाप्ति के कारण समाप्त नहीं माना जाएगा। इन्हें सक्रिय माना जाएगा क्योंकि इन्हें अंतिम रूप न देने में प्रथम दृष्टया प्रतिवादी-बैंक की ओर से गलती है। मामले की सुनवाई 9 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है। मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने 25 नवम्बर को कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित को दो सप्ताह के भीतर डीपीसी के आदेश दिए थे। डीपीसी न होने पर बैंक के ग्रेड 4 अनुबंध लिपिकों के संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सैकड़ों कर्मचारी होने पर इन कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए बैंक प्रबंधन की ओर से 8 सितंबर 2024 को पदोन्नति परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में करीब 269 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए, लेकिन काफी लंबे समय से इनके पदोन्नति आदेश जारी नहीं किए गए। इसलिए उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद बैंक डीपीसी की कार्यवाही को अंतिम रूप देने में असफल रहा।

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