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Himachal Disaster : हिमाचल में सरकार और प्रशासन निम्न स्तर पर , नड्डा बोले - जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो कहां जाएंगे लोग

हिमाचल की मौजूदा हालात से नड्डा चिंतित और दुखी, केंद्रीय योजनाओं और 15 वें वित्त आयोग का पैसा भी खर्च नहीं कर पाया हिमाचल
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ज्ञान ठाकुर/शिमला, 5 जुलाई(हप्र)

Himachal Pradesh Disaster : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार और प्रशासन इस समय निम्न स्तर पर पहुंच गया है। नड्डा ने शनिवार को बिलासपुर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में प्रशासन और सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। नड्डा ने शिमला की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देवभूमि की संस्कृति नहीं है।

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उन्होंने कहा कि जब सरकार में बैठे रक्षक ही भक्षक बन जाए तो उम्मीद किससे की जा सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह प्रदेश की मौजूदा हालात से चिंतित भी हैं और दुखी भी हैं। नड्डा ने कहा कि प्रदेश में कानून के रक्षक ही कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सरकार कैसे चल रही है, शिमला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई मारपीट की घटना इसका जीता जागता नमूना है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के कारण स्थानीय लोगों को हो रहे नुकसान की भरपाई का मामला वे केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ उठेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि शिमला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई मारपीट की घटना के मामले में गडकरी अपने स्तर पर संज्ञान लेंगे।

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र द्वारा दिए गए पैसे को खर्च करने में नाकाम रही है। नड्डा ने कहा कि हमने आयुष्मान भारत सहित जिन महत्वपूर्ण योजनाओं में प्रदेश को वर्ष 2020 से 2025 के बीच पैसा दिया उसमें से प्रदेश सरकार सिर्फ 21प्रतिशत पैसा ही अभी तक खर्च कर पाई है जबकि यह राशि इसी साल लैप्स हो जाएगी उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल सरकार 15 में वित्त आयोग का स्वास्थ्य क्षेत्र का भी सिर्फ 24 प्रतिशत पैसा ही खर्च कर पाई है जबकि यह राशि थी अगले साल लैप्स हो जाएगी।

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार हिमाचल के साथ दृढ़ता से खड़ी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल को 1700 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी थी। जबकि हाल ही में केंद्र सरकार ने 2006 करोड़ रुपये और जारी किये हैं। नड्डा ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर नहीं फोड़ सकती।

नड्डा ने कहा कि ड्रेजिंग का मामला प्रदेश सरकार का है और वह इस मामले में दोषारोपण केंद्र सरकार पर कर रही है। उन्होंने कहा कि वास्तव में प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है क्योंकि ड्रेजिंग का मामला प्रदेश सरकार प्रदेश सरकार के कार्यक्षेत्र का है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किन्नौर के समदोह से स्पीति के काजा तक सड़क निर्माण को फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं दी है। इस कारण इस सड़क के सुधारीकरण का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है। नड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 25 मई को उनसे दिल्ली में मिले थे और उन्होंने 30 जून को ही जायजा की 1000 करोड रुपए की राशि हिमाचल के लिए जारी करवा दी है। ऐसे में केंद्र सरकार पर हिमाचल की मदद का आरोप लगाना सरासर गलत है।

नड्डा ने हिमाचल प्रदेश सरकार से सड़क निर्माण को इंडस्ट्री से बाहर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण इंडस्ट्री की परिभाषा में नहीं आता जबकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे उद्योग की श्रेणी में डाल दिया है। इस कारण केंद्र द्वारा प्रदेश में सड़क निर्माण की परियोजनाओं में अनावश्यक देरी हो रही है और उसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कई मामलों में एनओसी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए हॉट मिक्सिंग प्लांट और स्टोन क्रशर के लिए हर साल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी पड़ रही है। इस कारण सड़क निर्माण परियोजनाओं में देर हो रही है।

भाजपा में संवादहीनता नहीं जगत

प्रकाश नड्डा ने कहा कि भाजपा में कोई संवाधीनता नहीं है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मंडी से भाजपा सांसद कंगना रणौत मंडी जिला के सराज, नाचन और करसोग विधानसभा क्षेत्र का जल्द ही द्वारा कर रही है और आपदा पीड़ितों से मिलेंगी।

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