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हिमाचल 5 नेशनल हाईवे और 1359 सड़कें बंद, 1362 पेयजल योजनाएं प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। जगह-जगह भूस्खलन, पेड़ों के गिरने और नदियों-नालों के उफान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब तक 5 राष्ट्रीय राजमार्ग, 1359 सड़कें, 3207 बिजली ट्रांसफार्मर...
किन्नौर में भारी बारिश के बाद वांगतू में मलबा और पत्थर गिरने से क्षतिग्रस्त वाहन। -प्रेट्र
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हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। जगह-जगह भूस्खलन, पेड़ों के गिरने और नदियों-नालों के उफान ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब तक 5 राष्ट्रीय राजमार्ग, 1359 सड़कें, 3207 बिजली ट्रांसफार्मर और 1362 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिससे आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के कारण राजधानी शिमला के रामचन्द्र चौक में भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के कारण कई सरकारी आवासों पर पेड़ गिर गए। हालांकि मकानों को पहले ही खाली करवा लिया गया था। इस कारण किसी भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।

भारी बारिश के चलते परिवहन, बिजली और पेयजल आपूर्ति पर गहरा असर पड़ा है। कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने से गांवों की कनेक्टिविटी टूट गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि खराब मौसम के कारण ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति संभव है। इस वजह से सरकार ने सुरक्षा के मद्देनज़र स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है। आदेश में शैक्षणिक संस्थानों से कहा गया है कि वे भवन, चल संपत्तियों और रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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पिछले 24 घंटों में कई क्षेत्रों में भारी वर्षा दर्ज की गई। श्री नैना देवी जी में 136 मिलीमीटर, जोत में 100.6, पच्छाद में 77, कोठी में 68.4, चंबा में 66, बिलासपुर में 60.4, रोहड़ू में 60, मनाली में 57, पालमपुर में 52.6, कसौली में 49.5, कंडाघाट में 48, सराहन में 44.5, सोलन में 43.6, काहू में 43.5 और मालरोंन में 40 मिलीमीटर बारिश हुई। ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में बारिश ने कहर बरपाया है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि 6 जिलों में 4 सितंबर तक भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा, जबकि बाकी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि विभाग का कहना है कि 4 सितंबर से बारिश में कमी आने की संभावना है।

जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद

लगातार तबाही के बीच सुक्खू सरकार ने जनजीवन सामान्य करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। खासकर दूरसंचार सेवाओं की बहाली पर जोर दिया जा रहा है। चंबा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में क्षतिग्रस्त साइटों की मरम्मत तेजी से चल रही है। 2 सितंबर तक यहां लगभग 65 प्रतिशत साइटें क्रियाशील हो चुकी थीं। एयरटेल, जियो और बीएसएनएल सहित प्रमुख सेवा प्रदाता नेटवर्क बहाली में जुटे हैं। भरमौर, कुल्लू और लाहौल में आंशिक कनेक्टिविटी बहाल हो चुकी है और शेष क्षेत्रों में काम जारी है।

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