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हाईकोर्ट का सरकार को एक और झटका, सेवानिवृत्त शिक्षकों से नहीं होगी रिकवरी

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत टीजीटी अध्यापकों को अनुबंधकाल से नियमित मानते हुए दिए गए पेंशनरी लाभ को वापस लेने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रतिवादी शिक्षा निदेशक को तीन सप्ताह के भीतर याचिका...
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत टीजीटी अध्यापकों को अनुबंधकाल से नियमित मानते हुए दिए गए पेंशनरी लाभ को वापस लेने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रतिवादी शिक्षा निदेशक को तीन सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के आदेश भी दिया है। याचिकाकर्ता हेमंत कुमार व अन्य का कहना था कि सरकार अनुबंध सेवाओं के लाभ न देने के लिए हिमाचल प्रदेश भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्त अधिनियम, 2024 (एक्ट) लाई है जिसकी आड़ में हाईकोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अतिक्रमण करने की कोशिश की जा रही है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस दलील से सहमति जताते हुए शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसके तहत उन्हें अनुबंध काल से नियमित मानते हुए पेंशनरी लाभ देने के बाद वापस लेने के आदेश जारी कर दिए गए।

हाई कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर मांगा पेंशन भुगतान का रोड मैप

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 75 वर्ष से अधिक के एचआरटीसी पेंशनरों को संशोधित पेंशन का लाभ न देने पर कड़ा संज्ञान लिया है। जस्टिस ज्योत्सना रिवाल दुआ ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल की उपस्थिति में आदेश दिए कि वह एक सप्ताह के भीतर उन पेंशनरों को संशोधित पेंशन की बकाया राशि का भुगतान करने का रोडमैप अदालत के समक्ष पेश करे।

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नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाने से इनकार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पोस्ट कोड 980 के चयनित ड्राइंग मास्टरों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने एकल पीठ के अंतरिम आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया।

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