हाईकोर्ट ने खारिज की जीएमपी वर्कर ट्रांसफर केस में दायर रिट याचिका
बीबीएन, 2 मई (निस)
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के कर्मचारी ट्रांसफर विवाद से जुड़े एक अहम मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने जीएमपी कर्मचारियों द्वारा दायर की गई रिट याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि जब कंपनी कर्मचारियों को पंजाब के भीतर स्थानांतरित करने के लिए तैयार है और सभी वैधानिक लाभ देने का प्रस्ताव दे रही है, तो ट्रांसफर का विरोध करना उचित नहीं है। बता दें कि 30 अप्रैल को हुई सुनवाई में कंपनी की ओर से विधिक सलाहकार ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत होकर याचिका की उपयोगिता पर सवाल उठाया। उन्होंने तर्क दिया कि यह रिट याचिका इस न्यायालय के स्तर की नहीं है। दोनों पक्षों ने कर्मचारियों के स्थानांतरण से संबंधित पहले के निर्णयों का हवाला दिया। मजदूरों के वकील ने यह आरोप लगाया कि कंपनी जानबूझकर कर्मचारियों को दूर स्थानों पर ट्रांसफर कर रही है। इस पर न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि यदि ट्रांसफर अन्य यूनिट की बजाय पंजाब राज्य के भीतर ही किया जा रहा है तो यह तर्कसंगत है। कंपनी ने भी अपने पक्ष में स्पष्ट किया कि वह कर्मचारियों को पंजाब के भीतर ही स्थानांतरित करने को तैयार है, बशर्ते कोई और आपत्ति न हो। दो मई को अंतिम सुनवाई में मजदूरों के वकील ने फिर से आरोप दोहराए, लेकिन न्यायाधीश ने उन्हें नकार दिया। इसके बाद मजदूरों के वकील ने रिट याचिका को वापस लेने की इच्छा जताई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर याचिका खारिज कर दिया। साथ ही पहले पारित स्थानांतरण के अंतरिम आदेश को भी रद्द कर दिया गया। न्यायालय ने इस प्रकरण को आगे की कार्रवाई के लिए श्रम न्यायालय को भेजने का निर्देश दिया। बॉक्स : बतां दें कि जीएमपी टेक्निकल सोल्यूशन उद्योग मंधाला के बाहर तीन मार्च से करीब 185 कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। कर्मियों का आरोप है कि उन्हें कंपनी ने जबरन ट्रांस्फर कर दिया है और दूर दूर स्थानों को भेजा जा रहा है। कर्मियों का कहना है कि हमारी बिना कंसेट से हमें बाहर भेजा जा रहा है। इस मामले को लेकर वह कोर्ट गए थे, लेकिन अब यह मामला श्रम कोर्ट में लड़ा जाएगा।