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ऊना में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार हो रही भारी वर्षा से ऊना जिले के कई क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। नदी-नालों में उफान आने, घरों और दुकानों में पानी घुसने तथा विकास परियोजनाओं को नुकसान की स्थिति को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री...
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हिमाचल प्रदेश के ऊना में शनिवार को आयी भारी बारिश से लबालब सड़क से गुजरते लोग। -प्रेट्र
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लगातार हो रही भारी वर्षा से ऊना जिले के कई क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। नदी-नालों में उफान आने, घरों और दुकानों में पानी घुसने तथा विकास परियोजनाओं को नुकसान की स्थिति को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जिला प्रशासन को राहत- बचाव एवं बहाली कार्य युद्धस्तर पर और तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाएं। उपमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और आश्वस्त किया है कि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन एवं मानव बल तत्काल उपलब्ध करवाया जाएगा।

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रानीताल के पास भूस्खलन, एक लेन बंद

धर्मशाला (निस) : शिमला-मटौर फोरलेन पर रानीताल के पास बाथू पुल के नजदीक शनिवार सुबह भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क पर आ गिरीं। हादसे में एक लेन पूरी तरह बंद हो गई। गनीमत रही कि उस वक्त कोई वाहन वहां से नहीं गुजर रहा था। पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश के कारण पहाड़ी कमजोर हो गई थी। फोरलेन निर्माण के दौरान की गई कटिंग के बाद, सुरक्षा के लिए इंटरलॉक जालों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन चट्टानों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि वे जालों को फाड़ते हुए सड़क तक पहुंच गईं।

पौंग बांध में जलस्तर खतरे के निशान के करीब

कांगड़ा ज़िले के पौंग बांध जलाशय में बीते 24 घंटों में जलस्तर में तेज़ और खतरनाक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जलस्तर 1361.07 फीट तक पहुंच चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 33 फीट अधिक है। अधिकतम संग्रहण क्षमता 1410 फीट और चेतावनी स्तर 1390 फीट तय किया गया है। हालात को देखते हुए भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने शनिवार रात स्लिप वे से अतिरिक्त पानी छोड़ने की घोषणा की है। शनिवार सुबह तक बांध में औसत जलप्रवाह 87,586 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिसमें से 18,995 क्यूसेक पानी टर्बाइनों के माध्यम से छोड़ा जा रहा है। यह स्थिति ब्यास नदी क्षेत्र में भारी बारिश और मंडी स्थित पंडोह बांध से छोड़े गए पानी के कारण बनी है।

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