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गुरु राम चरण दास महाराज हुए ब्रह्मलीन

प्रसिद्ध प्राचीन बेला मंदिर गद्दी नशीन स्वामी श्री गुरु राम चरण दास महाराज पंचतत्व में विलीन हो गये। उनके हज़ारों अनुयाइयों और श्रद्धालुओं ने आज उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। श्रद्धालु लोग भजनों का गुणगान करते हुए उनकी...
गुरु राम चरण दास महाराज की अंतिम यात्रा में शामिल श्रद्धालु। इनसेट में गुरु महाराज।
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प्रसिद्ध प्राचीन बेला मंदिर गद्दी नशीन स्वामी श्री गुरु राम चरण दास महाराज पंचतत्व में विलीन हो गये। उनके हज़ारों अनुयाइयों और श्रद्धालुओं ने आज उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। श्रद्धालु लोग भजनों का गुणगान करते हुए उनकी पार्थिव देह के साथ जा रहे थे। उनका जन्म 25 मई 1935 हुआ था । उनकी अंतिम यात्रा में श्रद्धालुओं की हज़ारों की भीड़ उमड़ी थी जो बेला मंदिर से सरसा नदी तक क़रीब दो किलोमीटर पैदल चली और भजनों और जयकारों के साथ श्री गुरु राम चरण दास महाराज जी का अंतिम संस्कार किया गया । गुरु जी के दामाद यशवंत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बेला मंदिर एतिहासिक और डेढ़ सौ साल पुराना मंदिर है गुरु राम चरण दास महाराज की आयु क़रीब 90 साल की थी जो कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। धार्मिक गांव बेला मंदिर से हज़ारों श्रद्धालुओं की आस्थायें जुड़ी हैं लोगों ने गुरु जी से नाम ले रखा है। इस मंदिर से पंजाब, हिमाचल, हरियाणा,चंडीगढ़, उतराखंड, दिल्ली व राजस्थान तक के लोगों की आस्थायें जुड़ी हैं। इस अवसर पर पूर्व विधायक लखविन्द्र सिंह राणा, श्याम लाल नेगी, अमरजीत सिंह रनोट, वीर सिंह, शंभुदायल, गुरमेल सिंह सैनी, श्याम मौदगिल, रजिंदर राणा, राम गोपाल सैनी, विकफ़ील्ड के एचआर प्रदीप शर्मा, सवर्ण सिंह सैनी और अन्य उपस्थित थे।

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