हरित ऊर्जा राज्य के नाम पर सरकार कर रही है गुमराह : बिक्रम
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के चुनाव क्षेत्र हरोली में स्थित पेखुबेला सोलर पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा एक बार फिर सुक्खू सरकार पर हमलावर हो गई है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने मंगलवार को शिमला में आरोप लगाया कि हरित ऊर्जा राज्य के नाम पर सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 करोड़ के पेखुबेला सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना पर 400 करोड़ खर्च हुए। उन्होंने पेखुबेला सौर ऊर्जा संयंत्र की जांच किसी स्वतंत्र ऐजेंसी से करवाने की मांग सरकार से की। शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिक्रम ठाकुर ने सरकार और तत्कालीन बिजली बोर्ड अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट में घोटाले की वजह से ही विमल नेगी आत्महत्या कांड सामने आया लेकिन सरकार ने कोर्ट में उस केस को ठीक से नहीं लड़ा और दोषियों की जमानत का विरोध तक नहीं किया।
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि सोलर प्लांट को जीरो लेवल से नीचे 350.50 मीटर की ऊंचाई पर बना दिया गया, जबकि इसे 356 मीटर पर होना चाहिए था। नतीजा यह हुआ कि बरसात में कंट्रोल रूम में पानी भर गया और सभी 10 इनवर्टर डूब गए। अब इनकी मरम्मत में करोड़ों खर्च होंगे।
उन्होंने दावा किया कि 32 मेगावाट की क्षमता वाला यह प्रोजेक्ट केवल 12 से14 मेगावाट बिजली ही पैदा कर पा रहा है। प्लांट से पानी निकालने के लिए डीजल जेनरेटर चलाना पड़ रहा है और ड्रेनेज सिस्टम भी आईओसी के पुराने नाले पर निर्भर है। भाजपा नेता ने दावा किया कि एसजेवीएनएल ने प्रदेश सरकार को 2.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से 210 मेगावाट बिजली देने का प्रस्ताव दिया था , लेकिन अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे प्रदेश को 500 से 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं , पेखुबेला से 3.59 रुपये की दर से बिजली खरीदने की कोशिश की गई ,जो संदेह पैदा करती है।
कंपनी भाग गई, भुगतान 99 फीसद हो चुका
बिक्रम सिंह ने कहा कि जिस कंपनी को रखरखाव का जिम्मा दिया गया था वह बीच में काम छोड़कर चली गई। खास बात ये है कि उसे पहले ही 99 फीसदी भुगतान कर दिया गया और बैंक गारंटी तक नहीं ली गई।
भ्रष्ट अधिकारियों को पदोन्नति दी जा रही है
बिक्रम सिंह ने कहा कि सरकार ने घोटाले में शामिल अधिकारियों को ही मलाईदार पदों पर बैठाकर इनाम दिया है। उन्होंने साफ किया कि वह इस मुद्दे को विधानसभा के अंदर और बाहर उठाते रहेंगे।