शिमला/मंडी, 12 मई (निस)
पूर्व केंद्रीय मंत्री व देश में संचार क्रांति के जनक पंडित सुखराम आज पंचतत्व में विलीन हो गए। पंडित सुखराम का आज मंडी के हनुमानघाट स्थित श्मशानघाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पंडित सुखराम को उनके बड़े बेटे अनिल शर्मा और पोतों ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व पंडित सुखराम की अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा। पंडित सुखराम की पार्थिव देह को मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां आम जनता और विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि पंडित सुखराम द्वारा लाई गई संचार क्रांति को देश कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश के गांव-गांव तक पंडित सुखराम ने टेलिफोन पहुंचाया जिससे प्रदेश में संचार क्रांति आई और लोगों को संवाद करना आसान हुआ। जय राम ठाकुर ने कहा कि पंडित सुख राम ने अपने साठ वर्षों के लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान हिमाचल प्रदेश के विकास और यहां के लोगों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया। उनके योगदान के लिए राज्य की जनता उन्हें हमेशा याद रखेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी इस मौके पर पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि अर्पित करने सेरी मंच पहुंचे। धूमल ने कहा कि पंडित सुखराम वादे के पक्के थे। भाजपा के प्रदेश मामलों के केंद्रीय प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके प्रयासों को प्रदेश की जनता कभी नहीं भूला सकती।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा, विधायक राकेश जमवाल, इंदर सिंह गांधी और जवाहर ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल, जिला परिषद के अध्यक्ष पाल वर्मा, मंडी नगर निगम की महापौर, उप-महापौर और पार्षद और क्षेत्र से हजारों लोगों ने पंडित सुख राम को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व उनके नए बाड़ी गुमाणू घर से शवयात्रा निकाली गई जिसमें उनके पुत्र अनिल शर्मा, छोटे बेटे अनूप, दो पौत्र आश्रय व आयुष, पुत्रवधुएं व सुखराम की तीन बेटियां पार्थिव शरीर के साथ बैठी जबकि हजारों लोगों ने सुखराम अमर रहे के नारे लगाये।