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हिमाचल में भूस्खलन से पांच की मौत

हिमाचल प्रदेश में लगातार बरसात ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में भूस्खलन की घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई। शिमला जिले के जुंगा के डबलू गांव में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 वर्षीय बेटी मलबे में...
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हिमाचल प्रदेश में लगातार बरसात ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में भूस्खलन की घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई। शिमला जिले के जुंगा के डबलू गांव में वीरेंद्र कुमार और उनकी 10 वर्षीय बेटी मलबे में दबकर मरे, जबकि उनकी पत्नी बच गईं। कोटखाई के चोल गाँव में बुज़ुर्ग महिला कलावती और जुब्बल के बधाल गांव में 23 वर्षीय महिला की भी मौत हो गई। सिरमौर के चौरास में मकान ढहने से शीला देवी (37) और आठ मवेशियों की जान गई।

बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त है। सोमवार को लाहौल-स्पीति को छोड़कर प्रदेश के सभी 11 जिलों में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहे। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आदेश जारी कर मंगलवार को भी सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों को घर से ऑनलाइन कक्षाएं लेने को कहा गया है।

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, हिमाचल में 4 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 1281 सड़कें बंद हैं। इनमें शिमला ज़िले में 267, मंडी में 257, चंबा में 239, कुल्लू में 168 और सिरमौर में 126 सड़कें शामिल हैं। साथ ही, 3207 बिजली ट्रांसफार्मर और 790 जलापूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। सिरमौर के पांवटा क्षेत्र के बांगरान गांव में गिरि नदी के उफान से खतरे को देखते हुए 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। वहीं, शिमला ज़िले के रोहड़ू के दयाल मोरी गाँव में रविवार रात भूस्खलन के बाद दस लोगों को बचाया गया। शिमला शहर के पोर्टमोर सरकारी मॉडल स्कूल की दीवार भी ढह गई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।

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