शिमला, 5 जून (निस)
एक तरफ जून की गर्मी आग बरसा रही तो दूसरी तरफ जंगलों में लगी आग से पहाड़ दहक रहे हैं। हालत यह है कि प्रदेश में ज्येष्ठ की गर्मी का अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है कि पूरा प्रदेश जंगलों की आग से निकल रहे धुएं से बेहाल है। पूरे प्रदेश में वनों में लगी आग का धुआं छाया हुआ है। इससे प्रदेश की हवा भी जहरीली हो गई हैै।
राजधानी शिमला में ही सरकार की नाक के नीचे चार दिनों से ढली और भट्टाकुफर के आसपास जंगल दहक रहे हैं और इनकी राख लोगों के घरों के भीतर तक पहुंच गई है। लेकिन आग है कि वन महकमे के काबू नहीं आ रही है।
विभाग के अनुसार इस साल प्रदेश में गर्मियों के सीजन के बाद जंगलों में आग लगने की 1915 घटनाएं घट चुकी हैं। इनमें पांच करोड़ रुपए से अधिक के वन संपदा का नुकसान हुआ है तथा लोगों को चारे का संकट भी बढ़ा है। वनों में आग की इन घटनाओं में 15715 हेक्टेयर क्षेत्र आग की भेंट चढ़ा है। इसमें से 3070 हेक्टेयर क्षेत्र ऐसा है जहां घने जंगल थे। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में 8 जून तक भीषण गर्मी का दौर जारी रहेगा।
कई हेक्टेयर जंगल तबाह
दो दिनों के दौरान जगलों में आग की 16 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में 100 हेक्टेयर से अधिक के जंगल स्वाह हो चुके हैं। विभाग के अनुसार जंगलों में आग लगने की सर्वाधिक 10 घटनाएं बिलासपुर जिला में घटी है। धर्मशाला में 4 और कुल्लू व शिमला में वनों में आग लगने की एक-एक घटना दर्ज की गई है। शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर जंगलों में आग लगी है। आग की घटनाओं में 26 हेक्टेयर क्षेत्र ऐसा प्रभावित हुआ है जहां ताजा पौधरोपण किया गया था।