कांगड़ा ज़िले में बारिश कम होने के बावजूद धर्मशाला और मैक्लोडगंज के बड़े हिस्से में पेयजल की भारी कमी बनी हुई है। जल शक्ति विभाग ने आपूर्ति को सीमित कर दिया है और अधिकारियों का कहना है कि सामान्य आपूर्ति बहाल होने में अभी तीन से चार हफ़्ते लग सकते हैं। यह संकट गज्ज खड्ड जलापूर्ति योजना की मुख्य पाइपलाइन को जुलाई में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान के कारण पैदा हुआ। तीन किलोमीटर लंबे क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का काम जारी है। विभाग के मुख्य अभियंता दीपक गर्ग ने बताया कि ज़मीन चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हमारी टीमें पूरी क्षमता से जुटी हैं और कुछ हफ़्तों में आपूर्ति बहाल करने का लक्ष्य है। गज्ज खड्ड योजना बंद होने के चलते नड्डी-भटेहड़ और भागसूनाग परियोजनाओं पर दबाव बढ़ गया है, लेकिन ये दोनों योजनाएं धर्मशाला की अधिकतम ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रही हैं। नतीजतन काला पुल, रामनगर, शाम नगर और कोतवाली बाज़ार सहित कई इलाकों में भारी जल संकट है। नागरिकों को बोरवेल का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों और नागरिक समूहों ने सरकार पर मरम्मत कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया है। सामाजिक कार्यकर्ता अतुल भारद्वाज ने कहा कि पर्यटन धर्मशाला की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन पर्यटक और स्थानीय लोग समान रूप से पीने के पानी के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने गज्ज खड्ड योजना को आपातकालीन परियोजना के रूप में जल्द पूरा करने की मांग की। एक बार गज्ज खड्ड जलापूर्ति योजना चालू हो जाने पर सैकड़ों परिवारों को राहत मिलने और अन्य परियोजनाओं पर दबाव घटने की उम्मीद है। तब तक शहर में पानी की राशनिंग और कठिनाई बनी रहने की संभावना है।
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