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भाई की जान बचाने को दी किडनी, टीएमसी में 12वां सफल ट्रांसप्लांट

रविन्द्र वासन/निस धर्मशाला, 17 जून प्यार और त्याग की अनूठी मिसाल पेश करते हुए अंजू बाला (38) ने अपने 41 वर्षीय भाई स्वरूप को किडनी दान कर नया जीवन दिया। टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) के डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक...
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रविन्द्र वासन/निस

धर्मशाला, 17 जून

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प्यार और त्याग की अनूठी मिसाल पेश करते हुए अंजू बाला (38) ने अपने 41 वर्षीय भाई स्वरूप को किडनी दान कर नया जीवन दिया। टांडा मेडिकल कॉलेज (टीएमसी) के डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक इस जटिल किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी को अंजाम दिया, जिससे भाई-बहन के अटूट रिश्ते की एक और गौरवशाली गाथा लिखी गई। भाई-बहन जिला कांगड़ा की फतेहपुर तहसील के हौरी गाँव के हैं। स्वरूप कई महीनों से गंभीर किडनी रोग से जूझ रहा था। किडनी प्रत्यारोपण ही एकमात्र उम्मीद थी। ऐसे में उनकी बहन अंजू बाला आगे आईं और बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी एक किडनी दान करने का फैसला किया। टांडा मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने घंटों चली मेहनत के बाद इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों भाई-बहन की सेहत अब स्थिर है और वे जल्द ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। सर्जरी में पीजीआई चंडीगढ़ से डॉ आशीष , डॉ. संजीव, टीएमसी के डॉ. अभिनव, डॉ. अमित शर्मा, डॉ. कुशल, डॉ. पीयूष, समन्वयक नीरज जामवाल, कल्पना शर्मा, एनेस्थीसिया में डॉ. ननिश शर्मा,डॉ. मोनिका पठानिया ,डॉ. विशाल वशिष्ट,डॉ. निधि रहे। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज को भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की महानता का एहसास कराया है।

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