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धर्मशाला 31 जुलाई तक बनाया जाए आवारा पशु मुक्त शहर

हिमाचल हाई कोर्ट के निर्देश
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शिमला, 27 जून(हप्र)

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला को 31 जुलाई तक आवारा पशु मुक्त शहर बनाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने जनहित याचिकाओं की सुनवाई के पश्चात यह आदेश राज्य सरकार व नगर निगम धर्मशाला को जारी किए गए हैं। नगर निगम धर्मशाला आयुक्त की ओर से बताया गया कि 21 फरवरी 2025 से 23 अप्रैल 2025 के दौरान 99 आवारा पशुओं को कांगड़ा जिले के लुथान स्थित गौ अभ्यारण्य में स्थानांतरित किया गया है तथा 68 आवारा पशुओं को पकड़ा गया है।

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मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने उक्त संचार में कुछ अस्पष्टताएं पाई। कोर्ट ने कहा कि इसमें इस बात का कोई विवरण नहीं है कि धर्मशाला शहर में अभी भी कितने आवारा पशु बचे हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले धर्मशाला शहर को आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए 31 दिसंबर 2024 के आदेश के कार्यान्वयन के संबंध में, नगर निगम, धर्मशाला के आयुक्त को हलफनामा दायर करने के आदेश जारी किए। उल्लेखनीय है कि 31 दिसंबर 2024 को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया था कि लूथान में लगभग 214 बीघा भूमि पर गौ अभ्यारण्य खोला गया है तथा अब तक इस क्षेत्र में निर्माण के लिए 4.5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है तथा भवन निर्माण के लिए 68,63,300 रुपए खर्च किए जा चुके हैं।

कोर्ट ने आदेश दिए थे कि नगर निगम की सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार धर्मशाला शहर को आवारा पशुओं से मुक्त आदर्श शहर बनाए। नगर निगम धर्मशाला को चरणबद्ध तरीके से प्रतिमाह 30 पशुओं को उठाने तथा उन्हें राधे कृष्ण गौ अभ्यारण्य, लूथान, जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश में ले जाने के आदेश जारी किए गए थे।

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