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मशरूम की रोग रोधी किस्में करें विकसित : डॉ. गौतम

आईसीएआर के सोलन स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय मशरूम सम्मेलन-2025 बृहस्पतिवार को शुरू हुआ। राष्ट्रीय मशरूम सम्मेलन का शुभारंभ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर (बिहार) के कुलाधिपति डॉ. पीएल गौतम ने किया। मशरूम सोसाइटी ऑफ़...
सोलन डीएमआर में दो दिवसीय राष्ट्रीय मशरूम सम्मेलन के उद्घाटन मौके अवसर बोलते मुख्यातिथि डॉ.पीएल गौतम। -निस
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आईसीएआर के सोलन स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय मशरूम सम्मेलन-2025 बृहस्पतिवार को शुरू हुआ। राष्ट्रीय मशरूम सम्मेलन का शुभारंभ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर (बिहार) के कुलाधिपति डॉ. पीएल गौतम ने किया। मशरूम सोसाइटी ऑफ़ इंडिया और आईसीएआर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के करीब 150 वैज्ञानिक, शोधार्थी व उन्नत मशरूम उत्पादक भाग ले रहे हैं। देश में हरित क्रांति के जनक भारत रत्न प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन के शताब्दी वर्ष पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।

सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर डॉ. पीएल गौतम ने कहा कि मशरूम की रोग-रोधी किस्में विकसित करनी चाहिए। डॉ. गौतम ने मशरूम को दैनिक आहार का अभिन्न हिस्सा बताया। पूर्व सदस्य कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल (एएसआरबी) डॉ. पी. के. चक्रवर्ती ने रसायनों के सीमित और सुरक्षित उपयोग पर बल देते हुए कहा कि भारत में भी अन्य देशों की तरह मशरूम उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले रसायनों की अधिकतम अवशेष सीमा निर्धारित की जानी चाहिए। नौणी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने मशरूम को विटामिन डी का उत्कृष्ट स्रोत बताते हुए इसे दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह दी। डॉ. चंदेल ने कहा कि हिमाचल में 90 फीसदी लोगों में विटामिन डी की कमी है। हिमालयन स्टेट में यूरिक एसिड के मामले बढ़ रहे हैं।

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