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उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्र से मांगा पैसा

केंद्रीय मंत्री ने दिया मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन
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शिमला, 29 जुलाई (हप्र)

हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज नयी दिल्ली में श्रम शक्ति भवन में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से भेंट की। इस अवसर पर आयोजित बैठक में जल जीवन मिशन के तहत जल शक्ति विभाग को धनराशि जारी करने संबंधी विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।

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उप-मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल को अवगत करवाया कि हालांकि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत वर्तमान वित्त वर्ष के लिए 916.53 करोड़ रुपये आवंटित करने की स्वीकृति दी है, लेकिन अब तक राज्य सरकार को कोई धनराशि जारी नहीं की गई है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित हो रही है। उप-मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की पहली किस्त के पहले और दूसरे ट्रेंच की 458.26 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कुछ प्रमुख परियोजनाएं, जिनमें फिना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना केंद्र सरकार के पास प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत शामिल करने के लिए काफी समय से विचाराधीन हैं। इसके लिए लगभग 282.47 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है। उन्होंने 120.79 करोड़ रुपये की बीत एरिया और कुटलैहड़ परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करने का आग्रह भी किया।

पीएमकेएसवाई के तहत चल रही सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता जारी करने के मामले पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

मुकेश अग्निहोत्री ने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश को भारी बाढ़ और भूस्खलन का सामना करना पड़ा, जिससे राज्य के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

उन्होंने कहा कि सर्वाधिक नुकसान कुल्लू और मनाली क्षेत्र में हुआ। कुल्लू जिले में ब्यास नदी के किनारे विशेषरूप से पलचान और औट क्षेत्र के बीच बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम के अंतर्गत धनराशि की आवश्यकता है।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष की बाढ़ के नुकसान और आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 2,300 करोड़ रुपये है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार की इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।

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