मुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

‘शुद्धि’ संस्कार के दिन लिया गया फैसला : मंडी आपदा में अनाथ हुई 10 माह की नीतिका को अब बुआ की ममता का सहारा

शिमला, 14 जुलाई (एजेंसी) मंडी जिले में बादल फटने से माता-पिता को खो चुकी 10 महीने की नन्हीं नीतिका को अब उसकी बुआ पालेंगी। पिता की छोटी बहन किरना देवी, जो शिकारुई गांव में रहती हैं, ने बच्ची की जिम्मेदारी...
Advertisement

शिमला, 14 जुलाई (एजेंसी)

मंडी जिले में बादल फटने से माता-पिता को खो चुकी 10 महीने की नन्हीं नीतिका को अब उसकी बुआ पालेंगी। पिता की छोटी बहन किरना देवी, जो शिकारुई गांव में रहती हैं, ने बच्ची की जिम्मेदारी ली है।

Advertisement

30 जून की रात मंडी के तालवाड़ा गांव में बादल फटने से नीतिका के पिता रमेश (31) की मौत हो गई, जबकि मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णो देवी (59) अब तक लापता हैं। बताया गया कि रमेश घर में पानी घुसने से रोकने के लिए बाहर निकले थे। पत्नी और मां भी उनके पीछे गईं, लेकिन तीनों लौटकर नहीं आए।

नीतिका को घर में अकेले रोते हुए पड़ोसी प्रेम सिंह ने देखा और रमेश के चचेरे भाई बलवंत को सूचना दी, जो पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पीएसओ हैं।

परिवार ने ‘शुद्धि’ संस्कार के 13वें दिन तय किया कि अब बच्ची की परवरिश किरना देवी करेंगी। इससे पहले बड़ी बुआ तारा देवी उसकी देखभाल कर रही थीं, लेकिन किरना के गांव को शिक्षा के लिहाज़ से बेहतर माना गया। बलवंत ने बताया कि कई लोगों ने बच्ची को गोद लेने की पेशकश की, लेकिन परिवार ने भावनात्मक कारणों से इनकार कर दिया।

नीतिका के नाम हिमाचल को-ऑपरेटिव बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में दो खाते खोले गए हैं। इन खातों में जमा धनराशि उसकी शिक्षा के लिए सुरक्षित रहेगी, जिसे वह 18 वर्ष की उम्र के बाद ही उपयोग कर सकेगी। शनिवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बच्ची से मुलाकात की और उसे मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का लाभ दिलाने की मांग की। इस आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 अब भी लापता हैं।

 

 

Advertisement