शिमला, 27 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश में रबी के फसल का सीजन आरंभ होने के साथ-साथ सेब और अन्य फलों के बागीचों में भी बागवानी गतिविधियां बढ़ गई है। ऐसे में किसान व बागवान इन दिनों बड़े पैमाने पर खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदनाशक और अन्य वस्तुएं खरीद रहे हैं। लेकिन इन चीजों के दामों में अचानक जोरदार वृद्धि हो रही है। माकपा से जुड़े संयुक्त किसान मंच ने कीमतों में हुई इस वृद्धि पर भौंहें चढ़ा ली है। मंच ने प्रदेश सरकार से किसानों और बागवानों को तुरंत मांग के अनुसार खाद उपलब्ध करवाने और खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदनाशक और अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों को तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की है। मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने आज शिमला में कहा कि सरकार एचपीएमसी और हिमफैड द्वारा मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदे गए सेब के 65 करोड़ रुपए के बकाया का तुरंत भुगतान करे। उन्होंने ये भी कहा कि एचपीएमसी द्वारा बकाया भुगतान के बदले बागवानों को जो बाजार से 20 से 70 प्रतिशत अधिक कीमत पर लागत वस्तुएं दी जा रही है उसे तुरंत बंद कर नकद भुगतान किया जाए।
संयुक्त किसान मंच के नेताओं ने कहा कि प्रदेश में इस समय पोटाश, इफ्को और अन्य खादों की भारी कमी हो गई है। ऐसे में अभी से सेब उत्पादन में कमी आने की आशंका पैदा हो गई है। इससे किसानों और बागवानों के लिए रोजी रोटी का संकट बढ़ जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने कृषि व बागवानी क्षेत्र के लिए दिए जाने वाला अनुदान भी लगभग बंद कर दिया है। ऐसे में किसान और बागवान बाजार से महंगी कीमतों पर खाद, बीज और अन्य सामान खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे प्रदेश में कृषि और बागवानी उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है।