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भूस्खलन में दंपति और बच्चे सहित पांच की मौत

हिमाचल में आफत की बारिश

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शिमला जिले के कोटगढ़ की मधावनी पंचायत के पानेवली गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त एक घर। इस घटना में दंपति सहित तीन लोगों की मौत हो गई।-दैनिक ट्रिब्यून
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ज्ञान ठाकुर/निस

शिमला, 9 जुलाई

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हिमाचल प्रदेश में 3 दिन से हो रही मूसलाधार वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और भूस्खलन सहित अन्य घटनाओं में बीती रात से अब तक 5 लोगों की जान चल गई है। राज्य में भारी वर्षा से जुड़ी घटनाओं के कारण अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में जारी भारी से अति भारी वर्षा के कारण जहां सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य में तीन राष्ट्रीय उच्च मार्गों सहित 736 सड़कें यातायात के लिए बाधित हो गई हैं और 1743 बिजली के ट्रांसफार्मर व 138 पानी की स्कीमें बंद हो गई हैं। भारी वर्षा के कारण राज्य के सभी नदी-नाले उफान पर हैं। प्रदेश सरकार ने भारी वर्षा के दृष्टिगत सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में 10 और 11 जुलाई को अवकाश घोषित कर दिया है। मंडी में पंडोह डैम के फ्लड गेट खोल दिए जाने के चलते मंडी शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।

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उधर, शिमला जिले की उप तहसील कोटगढ़ की मधावनी पंचायत के पानेवली गांव में भूस्खलन की चपेट में आ जाने से एक दंपति और उनके बच्चे की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अनिल (32), उनकी पत्नी किरण (31) और बेटे स्वप्निल (11) की मौत हो गई। इस घटना में जयचंद और उनकी पत्नी वीना देवी घायल हो गए। चंबा जि़ला के ककीयां नामक स्थान पर भी भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान किशोरी लाल के रूप में हुई है। वह धलेई गांव का रहने वाला था। जि़ले के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की भी सूचना है।

मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण पंडोह के पास 6 मील नामक स्थान पर अवरुद्ध हो गया है। इस सड़क पर यातायात बहाल करने के लिए मशीनरी मौके पर तैनात कर दी गई है। मंडी से कटौला होकर कुल्लू जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी कमांद के पास घोड़ा फार्म नामक स्थान पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है। पंडोह डैम के फ्लड गेट खोल दिए जाने के चलते मंडी शहर में ब्यास नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से पंडोह में भी कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है और कई गाड़ियां तथा घर पानी में डूब गए हैं।

लाहौल स्पीति जि़ला में मौसम विभाग ने जि़ले में अचानक बाढ़ आने और हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है। जि़ले के लोसर गांव सहित आस-पास की पहाडि़यों पर आज सुबह से ही हिमपात हो रहा है। जि़ले की ग्राम्फू-काजा सड़क छोटा दड़ा के पास कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई है। इस सड़क पर स्पिति से मनाली की ओर आ रहा काॅलेज के 30 विद्यार्थियों और चंद्रताल झील घूमने गए लगभग 300 पर्यटक फंस गए जिन्हें पुलिस से सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है। भारी बारिश के चलते शिमला-परवाणू सड़क भी कई स्थानों पर भूस्खलन से प्रभावित हुई है। भूस्खलन के चलते शिमला-कालका रेल लाइन पर आज दिन भर सभी रेल सेवाएं बंद रखी गईं।

कुल्लू जिला प्रशासन ने ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि और पहाड़ों से हो रहे भूस्खलन तथा पत्थर गिरने के दृष्टिगत कुल्लू से मंडी और कुल्लू से मनाली के बीच यातायात को पूरी तरह से रोक दिया है। मनाली से अटल टनल होते हुए लाहौल के लिए भी यातायात को बंद कर दिया गया है क्योंकि इस सड़क पर भी पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं।

श्रीखंड महादेव की यात्रा पर निकले तीन श्रदालुओं की मौत

रामपुर बुशहर (निस) : श्रीखंड महादेव की यात्रा पर गए तीन श्रदालुओं की ग्लेशियर में फिसल कर गहरी खाई में गिर जाने से मौत हो गई। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि सूचना के मुताबिक उक्त तीनों श्रदालु श्रीखंड महादेव के पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर वापस लौट रहे थे कि पार्वती बाग के निकट ग्लेशियर पर पैर फिसलने के चलते ये तीनों गहरी खाई में जा गिरे। मृतकों में से दो की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, जबकि एक मृतक श्रद्धालु की पहचान 48 वर्षीय रणबीर सिंह, निवासी गांव रहीचा, तहसील नालागढ़, ज़िला सोलन के रूप में हुई है।

नाथपा झाकड़ी परियोजना बंद

भारी वर्षा के चलते सतलुज नदी के जलस्तर में तेज वृद्धि हो रही है। इससे नदी में गाद का स्तर बढ़ गया है। इसे देखते हुए सतलुज जल विद्युत निगम ने 1500 मेगावाॅट की नाथपा झाकड़ी परियोजना को बंद कर दिया है जिस कारण उत्तर भारत में बिजली का संकट बढ़ जाने की आशंका है।

सात ज़िलों में बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट : मौसम विभाग ने आज राज्य के 7 जि़लों में भारी से अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने कल 10 जुलाई तक राज्य के 6 जि़लों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और मंडी में कुछ स्थानों पर अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है। विभाग ने राज्य के 11 जि़लों में कल 10 जुलाई तक भारी वर्षा का येलो और ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।

शिमला में दो महिलाओं की मौत : भारी बारिश के कारण शिमला के रझाणा में भूस्खलन की चपेट में आने से एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इसमें दो महिलाओं की मौत की सूचना है।

प्रशासन हर समय तैयार: सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि नदी नाले उफान पर हैं और भूस्खलन, चट्टानें व पेड़ गिरने का लगातार खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील कि है कि वे ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा के लिए प्रशासन को हर समय तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने प्रशासन से भारी बारिश के चलते बाढ़ से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने को कहा हैं। उन्होंने प्रदेश में भारी बारिश की वजह से हुए जान माल के नुकसान पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी जताई हैं।

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